मंडी(सरकाघाट). नबाही माता मंदिर में हुए भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा चुनावों में तूल पकड़ता जा रहा है.
भ्रष्टाचार के मामले पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से खफा ‘मंदिर बचाओ संघर्ष समिति’ के सैंकड़ों सदस्यों ने इस बार किसी भी प्रत्याशी को वोट न देकर नोटा का बटन दबाने का निर्णय लिया है.
समिति के अध्यक्ष ललित जम्वाल ने बताया कि बीते पांच साल के दौरान कांग्रेस और भाजपा ने इस मुद्दे पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई. उन्होने कहा कि सरकार ने भी इस मामले को लेकर कोई तत्परता नहीं दिखाई है. अभी यह मामला स्टेट सीआईडी के पास है और मामले की जांच काफी धीमी गति से चल रही है. समिति का कहना है कि अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. जिसके चलते समिति के सदस्यों ने नोटा का बटन दबाने का निर्णय लिया है.
बता दें कि नबाही माता मंदिर में फर्जी रसीदों के नाम पर करोड़ों का गोलमाल हुआ है और सीआईडी इसकी जांच कर रही है. इसमें कुछ अधिकारियों के भी संलिप्त होने की संभावना है. वहीं समिति का कहना है कि जब से मंदिर का अधिग्रहण हुआ है, मंदिर की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. मंदिर में व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है. इसके बावजूद सरकार व प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.