मंडी (सरकाघाट). जंगली जानवरों खासकर सूअरों के उत्पात के कारण सरकाघाट उपमंडल की लगभग 15 पंचायतों- सधोत, पपलोग, बसंतपुर, चोलथरा, बरछवाद, बाग, मसेरण, रखोटा, पिंगला, टिक्कर, फतेहपुर, पौण्टा, हरिबेहना, सुलपुरबही, भद्रवाद पंचायतों की करीब 30 हज़ार किसानों का अपनी जमीनों पर खेती करना दूभर हो गया है।
बन्दरों, अवारा पशुओं एवं जंगली सूअरों ने किसानों के खेत पूरी तरह तबाह कर दिये हैं। दिन में किसान अपनी फसल की रखवाली करने की कोशिश करते हैं लेकिन रात में ऐसा कर पाना संभव नहीं है। अंधेरे में जंगली सूअर झुण्डों में आकर खेतों पर झुण्ड में हमला करते हैं और पूरी फसल नष्ट कर देते हैं। सुबह होने के बाद पूरा दिन खेतों के आस-पास पेड़ों के नीचे पसर जाते हैं जिससे गांवालों का अपनी जमीनोंं के पास जाना भी दूभर रहता है। रही-सही कसर सुबह होते ही बन्दर पूरी कर देते हैं । बंदर झुण्ड में आकर लोगों की छतों और घरों में रखी चीजों को बर्बाद करते हैं जिससे बागवानी भी चौपट रहती है.
यह मुद्दा पंचायत से लेकर विधानसभा तक हमेशा ही जनप्रतिनिधियों के सामने उठाया जाता रहा है। सभी दलों के नेता इस मसले पर अपने अाश्वासन बिखेरते पहके हैं लेकिन समस्या का समाधान करने को कोई तैयार नहीं है। हिमाचल किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर सुंकाराम, सरकाघाट ब्लॉक अध्यक्ष तेजनाथ शर्मा, और सदस्य रणजीत सिंह, हरिराम, हिम्मतराम, जानकीदास, पुरुषोत्तम चन्द, नंदलाल, रविकांत, महेश कुमार, लीलाधर, रमेश कुमार, कांशीराम, पवन कुमार, बिरिसिंह, प्रेमचंद और बसंतराम ने प्रदेश सरकार से इन आवरा पशुओं पर तत्काल नियंत्रण करने की माँग दोहराई है ।