जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ एनआईए को जाँच में एक बड़ी कामयाबी मिली है. एनआईए में गिलानी के द्वारा जारी किया गया ‘प्रोटेस्ट कैलेंडर’ बरामद किया है, जिसमें गिलानी के साइन भी हैं. इस कैलेंडर के मिलने से यह बात साफ़ हो गई है कि एक बार फिर पाकिस्तान की मदद से कश्मीर में अशांति व हिंसा फ़ैलाने में अलगाववादी नेताओं के शामिल होने के सबूत मिले हैं.
इस कैलेंडर में सेना के द्वारा बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उन तारीखों को जिक्र किया गया है, जिसमें कश्मीर घाटी में हिंसा फैलाये गये थे. इससे यह साफ़ होता है कि घाटी में एक योजना के तहत हुर्रियत नेताओं के द्वारा अशांति और हिंसा फैलाई जा रही है. वहीं एनआईए के जाँच में यह भी पता चला है कि घाटी में हो रहे विरोध प्रदर्शन में स्थानीय मौलवियों, अलगाववादी कार्यकर्ता शामिल रहे हैं. ये हिंसा फ़ैलाने के लिए हुर्रियत को पाकिस्तानी एजेंसी की मदद से फण्ड उपलब्ध करवाया गया है.
वहीं एनआईए ने जम्मू ऐंड कश्मीर सोशल पीस फोरम के चेयरमैन और हुर्रियत लीगल सेल के सदस्य देविंदर सिंह बहल के घर में भी छापा मारा है और उनसे पूछताछ की है. साथ ही यह भी पता चला है कि जेकेएसपीएफ ऑल पार्टी, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की घटक दल है. इस पर एनआईए के प्रवक्ता अलोक मित्तल का कहना है कि बहल, गिलानी का काफी करीबी था, वह नियमित तौर पर आतंकियों के जनाजे में शामिल होता था.