शिमला: 7 जुलाई से श्रीखंड महादेव यात्रा की शुरुआत होने जा रही है. देश की कठिनतम यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है. यात्रा पर जाने वाले इच्छुक श्रद्धालु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. कुल्लू जिला प्रशासन की देखरेख में श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट की ओर से 7 से 20 जुलाई तक यह यात्रा करवाई जाएगी.
20 जून को रवाना होगी टीम
श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच के बाद ही उन्हें यात्रा पर जाने दिया जाएगा. 20 जून के बाद श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट की टीम श्रीखंड के लिए रवाना होगी. यह टीम ट्रैक तैयार करेगी. इस वर्ष हुई भारी बर्फबारी और गलेशियर के कारण यह यात्रा अधिक जोखिम भरी होगी.
हालांकि यात्रा के दौरान विभिन्न बेस कैंपों पर रेस्क्यू, मेडिकल और प्रशासन की टीमें मौजूद रहेंगी, जो यात्री की हरसंभव मदद करेंगी. यात्री shrikhandyatra.hp.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं.
18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंडेश्वर महादेव
कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल की 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंडेश्वर महादेव की यात्रा को लेकर हर वर्ष हजारों श्रद्धालु प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचते हैं. इस वर्ष प्रशासनिक रूप से यह यात्रा सात से 20 जुलाई तक करवाई जाएगी. वर्ष 2014 से यह यात्रा कुल्लू जिला प्रशासन की ओर से गठित श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट करवा रहा है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
इसके बाद श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी कई सुविधाएं प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इस वर्ष यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की गई है, जिस पर इच्छुक श्रद्धालु अपना आवेदन और स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र अपलोड कर सकते हैं.
पुलिस, रेस्क्यू और स्वास्थ्य टीमें होंगी तैनात
श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट सिंहगाड, थाचड़ू, कुंशा, भीमडवारी और पार्वतीबाग में बेस कैंप स्थापित करेगा, जहां श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल, दवाइयां और ऑक्सीजन की व्यवस्था के अलावा रेस्क्यू टीमें, पुलिस और होमगार्ड के जवान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगे.
यात्री यात्रा के दौरान डंडीधार, थाचडू, काली टॉप, कालीघाटी, भीम तलाई, कुंशा, भीम डवारी, पार्वतीबाग, नैन सरोवर, भीमबाही जैसे दर्शनीय स्थलों के दीदार कर पाएंगे. इस बार काली टॉप से लेकर श्रीखंड महादेव के शिवलिंग तक अनेकों स्थानों पर ग्लेशियर बने हैं, जिस कारण यात्रा करते समय श्रद्धालुओं को सावधानी बरतनी होगी.