सोलन. विश्वकर्मा दिवस पर सोलन में विश्वकर्मा अनुयायियों द्वारा पूर्जा-अर्चना एवं यज्ञ का आयोजन किया गया. जिसमें सोलन के देहूंघाट मोटर मार्केट सहित अन्य कारीगरों ने भाग लिया. इन कारीगरों ने अपने अस्त्र-शस्त्रों की पूजा-अर्चना कर उनकी आरती भी उतारी. इस दिन कारीगर अस्त्र-शस्त्रों की पूजा करते हैं व पूजा के बाद इन औजारों से कोई काम नहीं करते हैं.
इसलिए मनाया जाता है विश्क्रमा दिवस
कहा जाता है कि विश्वकर्मा ने सोने की नगरी मानी जाने वाली लंका का निर्माण किया था. विश्व की महान कृतियों को बनाने का श्रेय विश्वकर्मा जी को ही दिया जाता है, इस अवसर पर सोलन में कई स्थानों पर भण्डारे का भी आयोजन किया जाता है. विश्वकर्मा दिवस दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है ताकि कारीगरी का काम करने वाले के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे.
स्थानीय व्यवसायियों ने बताया कि विश्वकर्मा दिवस, हर वर्ष कारीगरी का काम करने वाले कारीगर दीपावली के दूसरे दिन मनाते हैं. इस दिन औजारों की पूजा की जाती है व विश्वकर्मा को याद किया जाता है. विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना पुरातन काल से चली आ रही है. कारीगरी का पेशा करने वाले सभी लोग इस दिन केवल अपने औजारों की पूजा करते हुए विश्वकर्मा से उनके कार्य को अच्छी तरह पूर्ण किए जाने की प्राथना करते हैं. इस दिन औजारों का प्रयोग निषेध होता है. सभी कारीगर पूजा-अर्चना के बाद छृट्टी करते हैं.