शिमला. स्मार्ट सिटी बनाने के लिए ‘शिमला स्मार्ट सिटी लिमिटेड’ का गठन किया गया है. शिमला के मण्डलीय आयुक्त इस एसपीवी के अध्यक्ष होंगे. यह स्पेशल पर्पज व्हिकल, योजना को सही तरह से लागू करने और उसकी गुणवत्ता की देख-रेख के साथ कई अन्य कार्यों को देखेगी.
वहीं, महापौर, शहरी विकास विभाग के निदेशक, उपायुक्त शिमला, नगर निगम शिमला के आयुक्त, दो स्वतंत्र निदेशक, लोक निर्माण विभाग/सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियन्ता, भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अवर सचिव (आईएफडी) श्री राजीव शर्मा, मनोनीत सदस्य के रूप में वित्त विभाग से एक अंशकालीन निदेशक, शहरी विकास विभाग से एक अंशकालीन निदेशक और प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निदेशक मण्डल के सदस्य होंगे.
शिमला के सांसद, यहां के विधायक, व्यापार मण्डल के अध्यक्ष, ट्रैवल एजेंसियां, स्ट्रीट वेंडर्ज एसोसिएसन, आवासीय कल्याण संघ, टैक्सी यूनियन के अतिरिक्त विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों के अधिकारी एसपीवी के शहरी सलाहकार भी ‘फोरम’ में शामिल किए गए हैं.
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि एसपीवी परियोजनाओं को मंजूरी देगा, जिनमें स्मार्ट सिटी के तकनीकी मूल्यांकन व निष्पादन प्रस्ताव शामिल हैं. इससे स्रोतों को निर्धारित समय के भीतर जुटाने, साधन जुटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने और निर्धारित समय के भीतर परियोजना का कार्य पूर्ण होगा.
एसपीवी, मिशन की गतिविधियों की समीक्षा करेगा, जिसमें परियोजना के बजट कार्यान्वयन, गुणवत्ता नियंत्रण से सम्बन्धित मामलों की निगरानी, संयुक्त उद्यम व सहायक कम्पनियों को सम्मिलित करना शामिल है. इसके साथ ही एसपीवी, नगर निगम द्वारा प्राधिकृत उपभोक्ता शुल्क को निर्धारित व एकत्रित करेगा.
निदेशक मण्डल में, किसी भी विभाग के प्रतिनिधियों को शामिल किया जा सकेगा, जो स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत योजना व निष्पादन में शामिल हो.
भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शिमला को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव है.