मंडी. पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर बड़ा हमला बोला है. सुखराम ने वीरभद्र सिंह को उत्तरी-भारत का सबसे बड़ा ब्लैकमेलर नेता करार दिया है. यह बात उन्होंने मंडी स्थित अपने निवास स्थान पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही. कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आने के बाद सुखराम पहली बार पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे. उन्होने कहा कि वह कभी आया राम गया राम नहीं रहे बल्कि उन्हें पार्टी से निकाला गया था और अब भी उन्होंने मजबूरी में कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामा है.
सुखराम ने कहा कि ‘वीरभद्र सिंह ने हमेशा दूसरों का इस्तेमाल अपने लाभ के लिये किया है.’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में वीरभद्र सिंह ने कौल सिंह ठाकुर को अध्यक्ष पद की कुर्सी से हटाने के लिये एनसीपी में जाने की धमकी पार्टी हाईकमान को दी. उसके बाद हाईकमान ने उन्हें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया. सुखराम ने कहा कि वीरभद्र सिंह इस प्रकार से अपने फायदे के लिये पार्टी हाईकमान को ब्लैकमेल करते रहे हैं और वह इस मामले में उत्तरी-भारत के सबसे बड़े ब्लैकमेलर नेता हैं.
कैसे पड़ा था छापा?
वहीं पंडित सुखराम ने वर्ष 1996 में उनके घर छापेमारी के दौरान मिले पैसों को भी वीरभद्र सिंह की साजिश करार दिया. सुखराम ने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष सीताराम केसरी को वीरभद्र सिंह ने पैसों के साथ उनके घर भेजा था और यह कहकर पैसे रखवाए थे कि यह पार्टी फंड है. लेकिन बाद में छापे डलवाकर उनके खिलाफ साजिश रची. जबकि वह उस वक्त विदेश में थे और उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
सुखराम ने कहा कि आजकल वीरभद्र सिंह खुद इस प्रकार के मामलों में फंसे हुए हैं. उन्होने दावा किया कि अब वह भाजपा के साथ हैं और कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी के लिये काम करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके सभी समर्थक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये हैं.