नई दिल्ली- भारत के सुप्रीम कोर्ट में न्याय का दायरा और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि तीन नए जजों की नियुक्ति की गई है। Justice NV Anjaria, Justice Vijay Bishnoi और Justice AS Chandurkar अब सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा बन गए हैं। गुरुवार को इन नियुक्तियों की औपचारिक घोषणा हुई, जिससे अदालत की तीन खाली पड़ी सीटें भर दी गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के बाद मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को इन तीनों जजों की पदोन्नति की सिफारिश की थी:
न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया, मुख्य न्यायाधीश – कर्नाटक उच्च न्यायालय
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई, मुख्य न्यायाधीश – गुवाहाटी उच्च न्यायालय
न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर, न्यायाधीश – बॉम्बे उच्च न्यायालय
इन सिफारिशों को केंद्र सरकार ने मंजूरी देते हुए राष्ट्रपति के आदेश से लागू कर दिया।
कानून मंत्री ने की घोषणा
Law Minister Arjun Ram Meghwal ने 10 मई को इन नियुक्तियों की घोषणा करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेदों के अंतर्गत, और भारत के मुख्य न्यायाधीश की सलाह के अनुसार, राष्ट्रपति ने तीनों जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया है।
खाली पदों को मिला योग्य विकल्प
इन नियुक्तियों से सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस हृषिकेश रॉय की सेवानिवृत्ति से उत्पन्न रिक्तियों को भरा गया है।
कौन हैं नए Supreme Court Judges?
1. जस्टिस एनवी अंजारिया
जस्टिस एनवी अंजारिया कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। अपने न्यायिक करियर में उन्होंने संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों में कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। उनकी न्यायप्रियता और स्पष्टता के लिए उन्हें जाना जाता है।
2. जस्टिस विजय बिश्नोई
गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई पूर्व में राजस्थान हाई कोर्ट में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनके पास क्रिमिनल और सिविल मामलों का गहरा अनुभव है।
3. जस्टिस एएस चंदुरकर
बॉम्बे हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में एएस चंदुरकर ने शिक्षा, स्वास्थ्य और मानवाधिकार जैसे कई मामलों में महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। उनकी नियुक्ति न्यायपालिका में विविध अनुभव को दर्शाती है।
सुप्रीम कोर्ट की ताकत और कॉलेजियम की सिफारिशें
इन नई नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या एक बार फिर 34 के निर्धारित आंकड़े के करीब पहुंच गई है। कॉलेजियम की सिफारिशें अब भी न्यायपालिका की पारदर्शिता और योग्यता आधारित नियुक्तियों की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
क्यों है यह नियुक्ति महत्वपूर्ण?
Supreme Court Judges Appointment को लेकर पारदर्शिता और मेरिट पर लगातार चर्चा होती रही है। नए जजों की नियुक्ति से अदालत में लंबित मामलों के निपटारे में गति आने की उम्मीद है। क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के लिहाज़ से भी ये नियुक्तियां संतुलित मानी जा रही हैं।