नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कुछ व्हिस्की ब्रांडों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे टेट्रा पैक पैकेजिंग पर कड़ी आपत्ति जताई। अदालत ने कहा कि ये पैक “बिल्कुल फलों के जूस जैसे दिखते हैं” और इन पर अनिवार्य स्वास्थ्य चेतावनियां भी स्पष्ट नहीं होतीं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि ऐसे पैक बच्चों के लिए शराब को स्कूल तक ले जाने को आसान बना सकते हैं।
“यह जूस जैसा दिखता है…सरकारें इसे कैसे अनुमति दे रही हैं?”
बेंच ने सख्त लहजे में कहा, “यह जूस जैसा दिखता है। बच्चे इसे स्कूल ले जा सकते हैं। सरकारें इस तरह की अनुमति दे ही क्यों रही हैं?” अदालत ने राज्यों पर निर्भरता बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा को नजरअंदाज कर केवल राजस्व बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
मामला सुर्खियों में क्यों आया?
सुप्रीम कोर्ट यह टिप्पणियां दो प्रमुख व्हिस्की ब्रांडों—Officer’s Choice (ABD) और Original Choice (John Distilleries)—के बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेडमार्क विवाद की सुनवाई के दौरान कर रही थी।
दोनों ब्रांड मिलकर पिछले 20 वर्षों में करीब ₹60,000 करोड़ की बिक्री कर चुके हैं।
विवाद की जड़: ‘CHOICE’ शब्द और पैकेजिंग का मेल-जोल
Officer’s Choice बाजार में 1988 से मौजूद
Original Choice लगभग 1995–96 में आया
दोनों किफायती व्हिस्की सेगमेंट में बेहद लोकप्रिय
विवाद इन बातों को लेकर है:
दोनों ब्रांड नामों में ‘CHOICE’ शब्द का उपयोग (हालांकि दोनों ने इस शब्द को डिस्क्लेम किया था)
पैकेजिंग में रंगों, डिजाइन और बैज-स्टाइल लेआउट की समानता
क्या इससे उपभोक्ताओं में भ्रम पैदा होता है
और क्या 20+ वर्षों की सह-अस्तित्व ‘ईमानदार समानांतर उपयोग’ माना जा सकता है
IPAB का फैसला और हाई कोर्ट का हस्तक्षेप
2013 में IPAB ने दोनों पक्षों की याचिकाएं खारिज कर दीं, कहते हुए कि दोनों ब्रांडों में भ्रम की स्थिति नहीं है।
लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने IPAB का आदेश पलट दिया और कहा कि बोर्ड ने केवल ‘CHOICE’ शब्द पर ध्यान दिया, पूरे लेबल के समग्र प्रभाव को नहीं देखा। हाई कोर्ट ने ब्रांड स्वामित्व पर धोखाधड़ी का आरोप भी खारिज कर दिया।
अब मामला सुप्रीम कोर्ट में
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह विवाद दो दशक से ज्यादा चला है, जिसमें 12 साल सिर्फ हाई कोर्ट में लगे। बेंच ने सुझाव दिया कि दोनों ब्रांड लंबी कानूनी लड़ाई से बेहतर अपने पैकेजिंग—जैसे रंग, बैज डिज़ाइन, या ‘CHOICE’ शब्द की स्टाइलिंग—में बदलाव पर विचार करें। दोनों कंपनियों ने पैकेजिंग पर बदलाव की संभावना पर सहमति जताई।
