शिमला. एसीसी बरमाणा सीमेंट फैक्टरी की तालाबंदी के बाद अडानी समूह के खिलाफ चल रहे पक्का मोर्चा अभियान के तहत धरना-प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा. दो महीने से अधिक समय व्यतीत होने के बावजूद अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. एक के बाद एक बैठकों का दौर जारी है.
सरकार ने सचिवालय में बुलाई बैठक
राज्य सरकार ने सोमवार को एक बार फिर शिमला सचिवालय में बैठक बुलाई है, जिसमें अडानी समूह व ट्रक आपरेटरों के विवाद का हल निकालने की कोशिश होगी. बरमाणा में रविवार को बिलासपुर मेन मार्केट वार्ड नंबर नौ के ट्रक आपरेटर विकास भार्गव व सुनित शर्मा की अगवाई में धरने में शामिल हुए. ट्रक आपरेटरों में कमलेंद्र, मोहित, इब्राहिम, कृष्णलाल, रविंद्र कुमार, रामपाल, राजकुमार, जोधा सिंह, संतोष कुमार, विकास जगोता, रफीक मोहम्मद, प्रेम सिंह और हरजीत सिंह आदि ने अडानी समूह की हठधर्मिता पर रोष व्यक्त किया और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए समाधान करवाए जाने की वकालत की.
आज फिर अडानी समूह ट्रक आपरेटरों की चर्चा
उधर, बीडीटीएस के चेयरमैन लेखराम वर्मा का कहना है कि यह संघर्ष लम्बा खिंच रहा है, लेकिन ट्रक ऑपरेटर पीछे नहीं हटेंगे और निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे. बार-बार मीटिंग हो रही हैं, लेकिन समाधान नहीं निकल रहा. उन्होंने कहा कि हालांकि तय किए गए फार्मुले के तहत ढुलाई रेट 12.04 रुपए मिलना चाहिए, लेकिन अडानी समूह अल्ट्राटेक कंपनी द्वारा निर्धारित 10.70 रुपए रेट देने पर भी सहमत नहीं. ऐसे में समझ नहीं आ रहा कि अडानी समूह की मंशा क्या है. मीटिंग ही हो रही हैं, मगर समाधान नहीं निकल रहा.
अडानी समूह पंजाब के डंप बंद करने की बात कहता है और हिमाचल प्रदेश में भी लंबी दूरी में काम नहीं देना चाहता. डिस्पैच भी निर्धारित से कम देने की बात कही जा रही है. ऐसे हालात में ट्रक आपरेटरों की रोजी रोटी कैसे चलेगी. पंकज राय, उपायुक्त, बिलासपुर ने बताया कि राज्य सरकार ने सोमवार को सुबह ग्यारह बजे शिमला सचिवालय में एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें ट्रक ऑपरेटरों और अडानी समूह के बीच ढुलाई रेट को लेकर बातचीत होगी और दोनों पक्षों में सामंजस्य बिठाकर मामले का हल निकालने का प्रयास किया जाएगा.
सीमाओं पर रोकी मालवाहक गाड़ियां
बीडीटीएस के प्रधान राकेश ठाकुर रॉकी और महासचिव प्रदीप ठाकुर ने बताया कि ट्रक ऑपरेटरों का संघर्ष जारी है. जिले की सीमाएं सील की गई हैं और बाहर से आ रही मालवाहक गाड़ियों को वहीं रोका जा रहा है. बाहर से आ रही गाडियों को सीमा के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.