नई दिल्ली : भारत सरकार ने देश की Blue Economy को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने “Sustainable Harnessing of Fisheries in the Exclusive Economic Zone (EEZ)” से जुड़े नए नियम जारी किए हैं। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन का हिस्सा है, जिसके तहत भारत के समुद्री संसाधनों का अधिकतम उपयोग और तटीय समुदायों का विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
Cooperatives और FFPOs को समुद्र में मछली पकड़ने की मंजूरी
नए EEZ Rules 2025 के तहत Fishermen Cooperative Societies और Fish Farmer Producer Organizations (FFPOs) को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि वे आधुनिक जहाजों के जरिए Deep-Sea Fishing कर सकें।
सरकार ने Mother and Child Vessel मॉडल को भी मंजूरी दी है, जिससे बीच समुद्र में ही मछलियों का mid-sea transshipment संभव होगा। इससे न केवल seafood exports बढ़ेंगे बल्कि value addition, traceability और certification पर भी जोर दिया जाएगा। अंडमान और लक्षद्वीप जैसे द्वीपीय क्षेत्रों में यह मॉडल high-quality fish export को गति देगा।
मछुआरों को मिलेगा Training, Credit और Global Exposure
सरकार ने घोषणा की है कि मछुआरों और उनके संगठनों को प्रशिक्षण, अंतरराष्ट्रीय exposure visits और capacity building कार्यक्रमों का लाभ मिलेगा।
इसके तहत processing, branding, marketing और export management जैसी प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सरकार इसके लिए Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) और Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund (FIDF) जैसी योजनाओं से आसान और सस्ता ऋण (affordable credit) उपलब्ध कराएगी।
Sustainable Fishing के लिए हानिकारक तकनीकों पर रोक
नए EEZ Rules में पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी गई है। LED light fishing, pair trawling और bull trawling जैसी हानिकारक तकनीकों को प्रतिबंधित किया गया है ताकि समुद्री पारिस्थितिकी (marine ecosystem) सुरक्षित रह सके।
सरकार minimum legal size of fish species तय करेगी और Fisheries Management Plans तैयार करेगी ताकि घटते fish stock को फिर से बढ़ाया जा सके।
इसके साथ seaweed cultivation और sea-cage farming जैसी mariculture practices को भी बढ़ावा मिलेगा।
ReALCRaft Portal से मिलेगी Digital Access Pass की सुविधा
EEZ क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली mechanized और large motorized vessels के लिए Access Pass लेना अनिवार्य होगा।
यह पास ReALCRaft Portal से फ्री ऑफ कॉस्ट और पूरी तरह डिजिटल मोड में प्राप्त किया जा सकेगा। छोटे और पारंपरिक मछुआरों को इस नियम से छूट दी गई है। विदेशी जहाजों को भारत के EEZ में संचालन की अनुमति नहीं होगी ताकि भारतीय मछुआरों के हित सुरक्षित रहें। ReALCRaft Portal को Marine Products Export Development Authority (MPEDA) और Export Inspection Council (EIC) से जोड़ा गया है, जिससे Fish Catch Certificates और Health Certificates जारी किए जा सकेंगे। यह प्रणाली traceability, eco-labelling और export quality assurance को सुनिश्चित करेगी।
Coastal Security और IUU Fishing पर सख्त प्रावधान
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारतीय EEZ से पकड़ी गई मछलियों को अब ‘Indian origin’ माना जाएगा ताकि उन्हें import की श्रेणी में न गिना जाए। साथ ही, अवैध मछली पकड़ने पर रोक लगाने के लिए National Plan of Action on Illegal, Unreported & Unregulated (IUU) Fishing तैयार किया जाएगा। फिशिंग बोट्स में transponders और QR-coded Fishers ID Cards अनिवार्य होंगे। यह सिस्टम Nabhmitra Application से जुड़ा रहेगा, जिससे Indian Coast Guard और Indian Navy को समुद्री सुरक्षा और निगरानी में मदद मिलेगी।
Blue Economy को मिलेगा नया आयाम
भारत की 11,099 किमी लंबी तटरेखा और 23 लाख वर्ग किमी का EEZ क्षेत्र लगभग 50 लाख मछुआरों की आजीविका का स्रोत है।
फिर भी अब तक deep-sea tuna fishing जैसी संभावनाएं अधूरी रही हैं। नए EEZ Rules 2025 के लागू होने से भारत की marine fisheries governance और seafood export potential दोनों को नया बल मिलेगा। यह कदम न केवल sustainable fishing practices को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि coastal communities को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाएगा।
