नई दिल्ली. देश में पिछले 9 साल से सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है. भाजपा की ओर से बताया गया कि इस मौके पर 10 लाख से ज्यादा स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
43वीं वर्षगांठ के अवसर पर पार्टी के सबसे बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “जब जनसंघ का जन्म हुआ था, तो हमारे पास न ज्यादा सियासी अनुभव था, न साधन थे, न संसाधन थे लेकिन हमारे पास थी तो मातृभूमि की भक्ति और लोकतंत्र की शक्ति. भाजपा वो पार्टी है जिसके लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि रहा है. ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ जिसकी आस्था का मूल मंत्र रहा है. हमने राष्ट्र प्रथम के मंत्र को अपना आदर्श बनाया.”
43 साल का सफर
6 अप्रैल 1980 को जन्मी भाजपा, भारतीय जनसंघ का ही नया रूप थी, जिसका मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) रहा. ये ही कारण है कि भाजपा में आज भी अधिकतर नेता RSS के ही सदस्य होते हैं.
1984 के चुनाव में मिली थी दो सीटें
भाजपा 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में ‘कमल का फूल’ चुनाव निशान के साथ मैदान में उतरी लेकिन मात्र 2 लोकसभा सीटों पर जीत का स्वाद चख पाई. इन दो चुनाव जीतने वाले नेताओं में भी अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी सरीखे दिग्गज नहीं थे. 1984 के चुनाव में जो दो भाजपा सांसद चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे, वे गुजरात की मेहसाना सीट से डॉ ए.के. पटेल और आंध्र प्रदेश की हनमकोंडा सीट से चंदूपाटला रेड्डी.
1989 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा ने विश्वनाथ प्रताप सिंह की ‘जनता दल’ के साथ हाथ मिलाया ओर इस बार 87 सीटों की बड़ी बढ़त के साथ 89 सीट तक पहुंची. इसके साथ ही केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने.
1991 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों में ओर बढ़ोतरी हुई, और उसने देशभर में 121 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की.
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराने को लेकर भाजपा पर आज तक आरोप लगते रहते हैं. ढ़ांचे के गिरने के बाद उत्तर प्रदेश की तत्कालीन कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को बर्खास्त कर दिया गया, इसके बाद इस मामले में कल्याण सिंह को जेल भी काटनी पड़ी.
1996 में बनी सबसे बड़ी पार्टी
1996 में हुए लोकसभा चुनाव में 163 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन सरकार सिर्फ 13 दिन ही चल पाई. इसके बाद 1998 में हुए चुनाव में एक बार फिर से अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी जो 13 महीने तक चली.
1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व में 24 राजनैतिक दलों को मिलाकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का गठन किया गया, जिसने 294 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करते हुए स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया और अटल बिहारी वाजपेयी फिर प्रधानमंत्री बने. इस चुनाव में भाजपा को 182 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
2004 में शाईनिंग इंडिया के नारे के बावजूद भाजपा जीत के सिलसिले को जारी नहीं कर पाई और कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार बनी. इसके बाद 2004 से 2014 के बीच देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार रही.
मोदी युग
2014 के आम चुनाव से पहले भाजपा में चेहरा बदलने की मांग के बीच नरेंद्र मोदी को दल की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया. मोदी को पीएम पद का चेहरा घोषित करने के साथ ही भाजपा में ‘मोदी युग’ की शुरुआत हुई. मोदी के नेतृत्व में 2014 में लड़े गए आम चुनाव में भाजपा को पहली बार अपने बूते बहुमत हासिल हुआ ओर पार्टी को 282 सीटों पर जीत मिली ओर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. 1984 के बाद ये पहला चानव था जब किसी पार्टी को बहुमत मिला था. 2019 के आम चुनाव में एक बार फिर भाजपा ने PM नरेंद्र मोदी की अगुवाई में रिकॉर्ड बहुमत मिला, और पार्टी के 303 उम्मीदवार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.
क्या है राज्यों में स्थिति
देश में इस वक्त केंद्र के अलावा अनेक राज्यों में भाजपा या फिर उसके सहयोग से सरकारें शासन कर रही हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, पुदुच्चेरी, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में इस वक्त या तो भाजपा की सरकार है या फिर उसके समर्थन से चल रही सरकारों का शासन है.