नई दिल्ली: संसद ने गुरुवार को Sustainable Harnessing and Advancement of Nuclear Energy for Transforming India Bill, 2025 (SHANTI Bill) को मंजूरी दे दी। राज्यसभा से पास होने के साथ ही यह विधेयक कानून बनने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे पहले बुधवार को यह बिल लोकसभा से पारित हुआ था। सरकार का दावा है कि यह कानून भारत के nuclear energy share को बढ़ाने, परमाणु विज्ञान और तकनीक में innovation को बढ़ावा देने और Atomic Energy Regulatory Board (AERB) को वैधानिक दर्जा देने में अहम भूमिका निभाएगा।
सरकार का पक्ष: सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि nuclear safety norms को कमजोर नहीं किया गया है। मंत्री के मुताबिक, यह नया कानून भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ safety, security, safeguards और nuclear liability से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को भी बनाए रखेगा।
SHANTI Bill के तहत Atomic Energy Act, 1962 और Civil Liability for Nuclear Damage Act, 2010 को निरस्त करने का प्रस्ताव है, ताकि एक आधुनिक और व्यापक नियामक ढांचा तैयार किया जा सके।
ऊर्जा लक्ष्यों पर फोकस
सरकार ने बताया कि भारत ने 2070 तक economy को decarbonise करने और energy independence हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत 2047 तक 100 गीगावाट nuclear power capacity हासिल करने का रोडमैप तैयार किया गया है। SHANTI Bill को इसी दीर्घकालिक रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है, जो भारत की घरेलू परमाणु क्षमताओं को मजबूत करने के साथ वैश्विक nuclear energy ecosystem में योगदान देगा।
विपक्ष का विरोध, संशोधन खारिज
विपक्षी दलों ने बिल को लेकर गंभीर आपत्तियां जताईं और इसे Standing Committee या Select Committee को भेजने की मांग की। विपक्ष का आरोप था कि liability provisions को कमजोर किया गया है और इस कानून पर बाहरी दबाव का असर हो सकता है। हालांकि, सदन में वोटिंग के दौरान विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
PM मोदी का बड़ा बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SHANTI Bill के पारित होने को भारत के लिए एक “transformational moment” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“यह भारत में निवेश, innovation और निर्माण के लिए आदर्श समय है।”
PM मोदी ने कहा कि यह बिल private sector और युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा और AI-powered energy solutions, green manufacturing तथा clean-energy future को मजबूत आधार देगा।
क्या है SHANTI Bill?
SHANTI Bill का उद्देश्य केवल बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि nuclear science और technology के उपयोग को healthcare, agriculture, water management, food processing, industry, research और environmental protection जैसे क्षेत्रों तक विस्तारित करना है।
इसके अलावा, यह कानून AI-enabled nuclear और radiation applications जैसी उभरती तकनीकों को ध्यान में रखते हुए regulatory architecture को आधुनिक बनाने का प्रयास करता है।
AERB को मिलेगा वैधानिक दर्जा
इस विधेयक की एक अहम विशेषता Atomic Energy Regulatory Board (AERB) को statutory status देना है। नया कानून AERB को nuclear safety, radiation protection, security और safeguards के लिए केंद्रीय नियामक बनाएगा। बोर्ड को निरीक्षण, जांच और enforcement के लिए विस्तारित अधिकार मिलेंगे, साथ ही public outreach और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी।
निजी और सार्वजनिक भागीदारी का रास्ता साफ
SHANTI Bill के तहत public sector entities, government companies, joint ventures और अन्य कंपनियों को सख्त national security और safety safeguards के तहत परमाणु क्षेत्र में भागीदारी की अनुमति मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे भारत का nuclear sector नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।
