(नाहन)सिरमौर. बर्फबारी किसे अच्छी नहीं लगती सैलानी तो हजारो लाखों रुपये खर्च कर बर्फबारी की आस लिए हिमचाल का रुख करते हैं. कुल्लू-मनाली जैसे जगहों पर तो बर्फबारी हुई है पर सिरमौर के लोगों ने इस सर्दी में बर्फबारी नहीं देखी, जोकि चिंता की बात है. जिला के ऊपरी इलाकों के लोग बर्फबारी के इंतजार में हैं. बर्फबारी ना होने के कारण यहां एक ओर जहां नगदी फसलों पर संकट छा गया है वहीं सैलानी भी यहां आने से कतराने लगे हैं.
बर्फबारी नहीं हुई तो इन फसलों को सीधा नुकसान होगा
सिरमौर के ऊपरी क्षेत्र हरिपुरधार में दिसंबर माह में ही बर्फबारी शुरू हो जाती है, मगर इस बार बर्फबारी नहीं हो रही है. जनवरी का तीसरा हफ्ता बीतने को है मगर बर्फबारी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. बर्फबारी न होने के कारण यहां नगदी फसलों पर संकट छा गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बर्फबारी गेहूं, लहसन, मटर ,आलू जैसी फसल के लिए उपयोगी साबित होती हैं और अगर बर्फबारी नहीं हुई तो इन फसलों को सीधा नुकसान होगा.
अगर बर्फबारी होती तो इस वक्त यहां पर्यटकों की भरमार होती
लोगों को अभी से पेयजल संकट की चिंता भी सताने लगी है. लोगों का कहना है कि बर्फबारी नहीं होने से प्राकृतिक जल स्रोत सूख जाते हैं. जिससे गर्मियों के दौरान क्षेत्र में पानी का संकट पैदा हो जाता है. वहीं यहां पर्यटन व्यवसाई भी परेशान हैं क्यूंकि बर्फबारी होने से इस समय यहां पर्यटकों की भरमार होती थी.
सीधा फर्क लोगों की आर्थिकी पर पड़ता है
कुल मिलाकर यहां के लोगों को बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार है. और करे भी क्यूं न क्यूंकि बर्फबारी ना होने से यहां सीधा फर्क लोगों की आर्थिकी पर पड़ता है. वहीं सैलानी भी शायद बर्फबारी का ही इंतजार कर रहे हैं तभी वह इस ओर रुख करेंगे. अब देखना होगा कि लोगों का यह इंतजार कब खत्म होगा.