शिमला: किरतपुर-नेरचौक फोरलेन की सबसे बड़ी और अंत में बनकर तैयार हुई सुरंग से शनिवार को यातायात शुरू कर दिया जाएगा. ट्रायल के तौर पर छोटे वाहनों के लिए 1,800 मीटर लंबी कैंचीमोड़ सुरंग शुरू की जा रही है. इसके भीतर सफाई कार्य और उपकरण लगाने का काम पूरा हो चुका है.
वहीं, सुरंग के दोनों छोर पर टारिंग का काम भी पूरा हो गया है. बता दें कि इस फोरलेन पर पांच सुरंगें बनीं हैं. चार पहले ही यातायात के लिए खोल दी गई हैं. कैंचीमोड़ सुरंग छोटे वाहनों के लिए शुरू होने से पर्यटकों को सबसे अधिक फायदा होगा.
पर्यटक वाहन अब सीधे किरतपुर से नेरचौक तक फोरलेन का इस्तेमाल कर सकेंगे. इससे पहले फोरलेन की सुविधा जकातखाना से ही मिल रही थी. जकातखाना पहुंचने के लिए पुराने चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय मार्ग से पंजपीरी संपर्क मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ रहा था. छोटे वाहनों को अब इस फेर से छुटकारा मिल जाएगा. हालांकि सुरंग नंबर एक कैंचीमोड़ से सुरंग नंबर दो थापना के बीच फोरलेन एक तरफ डबललेन पर ही चलेगा. इन दोनों सुरंग के बीच करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे फोरलेन पर अभी निर्माण कार्य जारी है.
हालांकि वाहन पूरे फोरलेन का इस्तेमाल कर सकेंगे. इसलिए कैंचीमोड़ सुरंग के डबललेन से वाहनों की आवाजाही होगी. 15 जून के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी भी इस फोरलेन का उद्घाटन कर सकते हैं. कैंचीमोड़ सुरंग में ऑक्सीजन सहित अन्य गैसों की मात्रा जानने वाले सेंसर लगाए गए हैं. सुरंग में वेंटिलेशन के लिए फैन, सुरक्षा के लिए टेलीफोन, कैमरे, अग्निशमन यंत्र स्थापित किए गए हैं. टनल में हाई मास्ट लाइट्स भी लगाई गई हैं. टनल का एक छोर उपमंडल श्री नयनादेवी जी के कैंचीमोड़ नामक जगह और दूसरा मेहला गांव में है. मेहला गांव की ओर अभी फोरलेन का काम जारी है. इसके अलावा जकातखाना में फ्लाईओवर का कार्य चल रहा है.
37 कि.मी दूरी घटी, समय भी लग रहा कम
फोरलेन बनने से किरतपुर से नेरचौक की दूरी 37 किलोमीटर घटी है. इससे करीब साढ़े तीन घंटे का सफर डेढ़ घंटे में पूरा हो जाएगा. किरतपुर से कैंचीमोड़ की दूरी अभी 22 किलोमीटर थी. फोरलेन बनने से यह दूरी 12 किलोमीटर रह गई है. कैंचीमोड़ से भवाणा की दूरी वर्तमान में 72 किलोमीटर थी. इसकी दूरी 51 किलोमीटर रह गई है. भवाणा से नेरचौक की दूरी पहले 20 किलोमीटर थी, जो अब 14 किलोमीटर रहेगी.