केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से अलग होने के दो हुर्रियत से जुड़े संगठनों के फैसले की सराहना की और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांतिपूर्ण और एकजुट भारत के दृष्टिकोण के लिए एक “महत्वपूर्ण जीत” बताया।
शाह की यह प्रतिक्रिया हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से नाता तोड़ने के अपने फैसले की घोषणा के तुरंत बाद आई।
शाह ने अपने ‘एक्स’ हैंडल के जरिए अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन चुका है। मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने अलगाववाद को जम्मू-कश्मीर से बाहर कर दिया है। हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है।” “मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म कर दें। यह पीएम श्री @narendramodi जी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के दृष्टिकोण की एक बड़ी जीत है।”
हुर्रियत से जुड़े दो समूहों द्वारा लिए गए इस फैसले को केंद्र शासित प्रदेश में बदलते राजनीतिक परिदृश्य का प्रतिबिंब माना जा रहा है। पिछले कुछ सालों में, सरकार ने अलगाववादी एक्टिविटी पर रोक लगाने के उद्देश्य से कई उपाय लागू किए हैं, जिनमें आतंकवाद विरोधी कानूनों का सख्त पालन और सामाजिक-आर्थिक सुधार शामिल हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह घटनाक्रम जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, जो आगे एकीकरण और शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।