ऊना(चिंतपूर्णी). पड़ोसी राज्य पंजाब के साथ लगते सीमावर्ती इलाकों के कई युवा नशे के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं. चिंतपूर्णी के कई युवा अफीम, चूरा पोस्त, भांग और कैप्सूल के आदी होते जा रहे हैं. विडंबना यह भी है कि नशे की जद में आने वाले युवाओं की औसत उम्र बीस से तीस वर्ष के बीच है. आए दिन पुलिस के द्वारा चल रही धर-पकड़ और नशा निवारण केंद्र के आंकड़े इन बातों की पुष्टी करते हैं.
‘चिट्टा के लिए वे पड़ोसी राज्यों के दोस्तों पर निर्भर’
अम्ब स्थित एक परिवर्तन नशा निवारण केंद्र के अधिकारी हरप्रीत बताते हैं कि उनके केंद्र में हर महीने 10 से 15 मरीज उपचार के लिए आते हैं. इनमें अधिकतर चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के हैं, जबकि कुछ मरीज सीमावर्ती इलाकों से संबंधित हैं. इस केंद्र में आए मरीजों ने बताया कि अफीम व चूरापोस्त उन्हें एजेंटों के माध्यम से आसानी से मिल जाया करता था. जबकि चिट्टा के लिए वे पड़ोसी राज्यों के दोस्तों पर निर्भर थे.
1 महीने में 26 मामले दर्ज
पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. चिंतपूर्णी और अम्ब पुलिस ने पिछले तीन महीने में नशे का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ 26 मामले दर्ज किए हैं. जिससे यह कहा जा सकता है कि नशे की खेप स्थानीय युवाओं को बर्बाद करने के लिए ही इस क्षेत्र में लाई जा रही थी. वहीं, इस संबंध में एसपी संजीव गांधी का कहना था कि चिंतपूर्णी सहित कई दूसरे क्षेत्रों में पुलिस के अभियान के बाद शिकंजा कस दिया गया है. उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थो को बाहर से तस्करी कर लाने व कारोबार करने वालों के खिलाफ पुलिस का अभियान आगे भी जारी रहेगा.