कुल्लू(शैंशर पंचायत). सैंज जल विद्युत परियोजना के उद्घाटन का मामला उलझ गया है. स्थानीय लोगों ने उद्घाटन के दौरान परियोजना प्रबंधन के खिलाफ काले झंडे दिखाने का निर्णय कर लिया है. हालांकि स्थानीय लोगों ने साफ कर दिया है कि, काले झंडे सिर्फ सैंज परियोजना प्रबंधन को दिखाए जाएंगे जबकि मुख्यमंत्री का स्वागत किया जाएगा.
यह मामला तब बिगड़ा जब परियोजना प्रबंधन ने स्थानीय लोगों का 6 करोड़ रूपय बकाया देने में आनाकानी की. रविवार को परियोजना प्रबंधन के साथ स्थानीय लोगों ने बैठक की लेकिन यह बैठक पूरी तरह से असफल रही है. बता दें कि परियोजना प्रबंधन ने स्थानीय लोगों के काम के बदले 6 करोड़ रूपये नहीं दिये हैं. जिससे मामला पूरी तरह से बिगड़ गया है. ठेकेदार और मजदूरों को पैसे दिये बिना ही आनन-फानन में मुख्यमंत्री के हाथों परियोजना का लोकार्पण कराया जा रहा है।
मालूम हो कि 100 मेगावाट की सैंज जल विद्युत परियोजना का निर्माण एचपीपीसीएल (हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) कर रही है.
गांव वालों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनका पैसा उन्हें नहीं मिल जात है तब तक वे परियोजना का उद्घाटन नहीं होने देंगे. इन लोगों के साथ अब स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि भी जुड़ गए हैं. एचपीपीसीएल ने अपने अधीन हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्माण का काम दिया था. हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने स्थानीय लोगों को इस परियोजना में काम पर रखा था.
परियोजना का काम 6 महीने पहले पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक कंपनी ने स्थानीय लोगों को काम करने के एवज़ में पैसा नहीं दिया है. कंपनी अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर क्षेत्र से गायब हो चुकी है. उपर से एचपीपीसीएल के अधिकारी भी लापरवाह बयानबाजी कर रहे हैं.
परियोजना के जीएम ध्यान सिंह का कहना है कि स्थानीय ठेकेदारों का पैसा एचपीपीसीएल को नहीं बल्कि हमारी उप कंपनी, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी को देनी है. परियोजना प्रबंधन भी इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है जिस कारण पूरा मामला बिगड़ता जा रहा है. अधिकतर ठेकेदारों ने बैंक से कर्जा लेकर परियोजना का काम किया है और अब बैंक की धनराशि लौटाने का भी पैसा उनके पास नहीं है. यही नहीं ठेकेदार, कामगारों की मजदूरी भी नहीं दे पाए हैं.