नई दिल्ली. भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने आज से स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है। इस अभियान के तहत 9 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची का व्यापक पुनरीक्षण किया जाएगा। इस चरण में लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल हैं।
कब तक चलेगा अभियान
इस विशेष संशोधन अभियान की शुरुआत आज से होकर 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी। इसके बाद 9 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची (Draft Electoral Roll) जारी की जाएगी और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Roll) प्रकाशित की जाएगी।
किन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होगा संशोधन
इस चरण में निम्न राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
असम क्यों नहीं शामिल
असम राज्य इस दौर में शामिल नहीं होगा क्योंकि वहाँ नागरिकता कानून (Citizenship Act) के तहत सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया जारी है।
अभियान का उद्देश्य
चुनाव आयोग के अनुसार, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रह जाए, वहीं, अयोग्य या गैर-नागरिक नामों को हटाया जाए।
इसके तहत प्रत्येक मतदाता के जन्मस्थान की पुष्टि (Verification of Place of Birth) की जाएगी, ताकि अवैध प्रवासियों (Illegal Migrants) की पहचान की जा सके। हाल के दिनों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद यह कदम और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यह स्वतंत्रता के बाद अब तक का नौवां विशेष संशोधन अभियान (Ninth Special Intensive Revision) है। पिछली बार ऐसा अभियान 2002 से 2004 के बीच चलाया गया था।
पहला चरण बिहार में हुआ था, जहाँ लगभग 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची 30 सितंबर 2025 को जारी की गई थी।
चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग ने कहा कि “यह अभियान ‘स्वच्छ मतदाता सूची’ और ‘सटीक लोकतंत्र’ की दिशा में एक अहम कदम है। हमारा लक्ष्य है हर योग्य नागरिक को मतदान का अधिकार और हर अयोग्य नाम को सूची से हटाना।”
चुनाव आयोग की यह पहल न केवल मतदाता सूची की पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि आगामी 2026 विधानसभा चुनावों की तैयारियों को भी मजबूत करेगी। “हर मतदाता तक पहुंच, हर नाम की जांच — यही है चुनाव आयोग का मिशन।”
