नई दिल्ली. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक गुरुवार को ध्वनिमत से पारित हो गया. चर्चा के दरम्यान विधेयक के लिये दिये गये किसी संशोधन को नहीं माना गया. विधेयक को अब राज्यसभा में पेश किया जायेगा. इसके बाद तीन तलाक को दंडनीय अपराध माना जायेगा. कानून बनने के बाद तीन तलाक देने पर तीन वर्ष तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान है.
बिल प्रस्तावित होने के बाद से ही विवादित रही है. लोकसभा बिल पर सत्ता और विपक्ष ने अपने विचार रखे. कांग्रेस बिल में कुछ संशोधन चाहती थी. संसोधन के लिये कांग्रेस बिल को स्थायी कमेटी के पास भेजना चाहती थी. हालांकि कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया गया. इसके साथ ही राजद, एआईएमआईएम, बीजद और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग सहित कई दल बिल में कुछ संशोधन चाहते थे.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर गरीब और त्यक्ता मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में खड़ा होना अपराध है तो ये अपराध हम 10 बार करेंगे. उन्होंने कहा कि यह जेंडर समानता के लिये लिया गया फैसला है. वह वोट के तराजू से इसे नहीं तौलते हैं.
पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव ने लोकसभा में पेश किए गए तीन तलाक विधेयक की आलोचना की है. शरद ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन तलाक पर कोई भी कानून इस्लामी विद्वानों के साथ विचार-विमर्श पर आधारित होना चाहिए, लेकिन लोकसभा में विधेयक पेश करने से पहले ऐसा कुछ नहीं किया गया.” उन्होंने मोदी सरकार पर बिल को मुस्लिम समाज पर थोपने का आरोप लगाया. वहींं, जदयू के बागी नेता अली अनवर ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को विश्वास में नहीं लेने पर नाराजगी जतायी है.
“तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण”- आज लोकसभा में ट्रिपल तलाक के खिलाफ पेश किया गया बिल @narendramodi सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक-संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित करने का संकल्प है। #ModiGovtEmpowersWomen pic.twitter.com/Rn5QIq4C25
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) December 28, 2017
कांग्रेस की सुष्मिता देव ने तीन तलाक के कानून के दुरुपयोग के मसले को उठाते हुये कहा कि तीन साल जेल में रहने पर पति कैसे गुजारा भत्ता दे सकता है. सदन में बीजेपी सांसद और मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि तीन तलाक के खिलाफ कानून से मुस्लिम मर्दों की जबरदस्ती खतरे में है.
मालूम हो कि राज्यसभा में बिल के पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा. बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही यह कानून में बदल जायेगा. हालांकि राज्यसभा में भाजपा अल्पमत में है. सरकार विपक्षी दलों को एकमत करने में जुटी हुई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री ने राज्यसभा में बिल के पास होने की उम्मीद जतायी है.