शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मजदूरों के लाभ रोकने पर सोमवार को सीटू के विभिन्न संगठनों ने शिमला में महाधरना किया. सीटू के बैनर तले सैकड़ो मजदूरों ने टोलैंड से छोटा शिमला तक रैली निकाली.
मांगों को लेकर सचिवालय के बाहर गरजे मजदूर
सीटू ने आरोप लगाया कि पिछले आठ महीनों से गैर कानूनी तरीके से मजदूरों के लाभ रोके गए है. जिन्हें बहाल करने की मांग को लेकर मजदूर संगठन सीटू से सम्बंधित मनरेगा व निर्माण मजदूर फेडरेशन प्रदेश सरकार सचिवालय छोटा शिमला तक प्रदर्शन किया.
पुलिस के रोकने पर मजदूर सड़क पर ही बैठ गए. इससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई. जाम लगने से वाहन चालकों को परेशानी झेलनी पड़ी. इसके बाद श्रम मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल से एक सप्ताह के भीतर सहायता राशि और अन्य मांगें पूरी करने का आश्वासन मिलने के बाद मजदूरों ने प्रदर्शन को स्थगित कर दिया.
सीटू फेडरेशन अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार ने कहा है कि बोर्ड से पंजीकृत मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मजदूरों की सहायता राशि बोर्ड के सचिव ने पिछले आठ महीने से गैर कानूनी तरीके से रोक कर रखी है. जिससे साढ़े चार लाख मजदूरों को मिलने वाली आर्थिक सहायता और पंजीकरण के लाभ रोक दिए गए हैं. बार- बार बोर्ड के सचिव से इसे जारी करने की मांग करने और 3 अप्रैल को नवगठित बोर्ड की मीटिंग में फैसला हो जाने के बाद भी ये रुके हुए आर्थिक लाभ बहाल नहीं हुए.
इसके खिलाफ सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द ही मजदूरों के लाभ जारी नहीं किए जाते हैं तो आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा. उन्होंने मुख्यमंत्री से 6 जून को होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में उचित फैसला करने की मांग की.
इस अवसर पर सीटू के पदाधिकारी रविंद्र कुमार, जगत राम, कुलदीप डोगरा, अजय दुलटा, राजेश शर्मा, गुरदास वर्मा, सुनील मेहता, चमन लाल, आशीष कुमार, मोहित, नरेंद्र, रंजन शर्मा और सुरेश राठौर सहित यूनियन के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे.