नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बीआरडी अस्पताल में बीते दिनों ऑक्सीजन न मिलने के कारण 73 बच्चों की मौत के बाद आज अस्पताल के दौरे पर पहुंचे. योगी के साथ यहां पर स्वास्थ्य केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भी आये. मुख्यमंत्री ने यहां पर इस हादसे की जांच करवाने के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक समिति बनाने की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों की किन कारणों से मौत हुई है, इसकी गंभीरता से जांच करवाई जाएगी. इस मामले के लिए मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है. उन्होंने विश्वास दिलाया है कि वह हर संभव प्रयास करेंगे. उन्होंने ने बताया जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसको बक्शा नहीं जाएगा. उसे कड़ी सज़ा दी जायेगी.
परिजनों का मसीहा बने डॉ कफील
हमारे समाज में डॉक्टर को भागवान का रूप माना जाता है. इसको गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल के डॉक्टर कफील खान ने सही साबित किया. उन्होंने बीआरडी अस्पताल में मौत से जूझ रहे कई बच्चों की जान बचाई. उन्होंने आनन-फानन में अपने दोस्त के क्लिनिक जाकर ऑक्सीजन के तीन जंबो सिलेंडर जुटाये और इसे फटाफट ऑक्सीजन का सिलेंडर पाइप से जोड़कर मौत से जूझ रहे बच्चों की जान बचाई . चार सौ बच्चों के बीच महज तीन सिलेंडर कितनी देर चलता. सुबह होते होते ऑक्सीजन के तीनों सिलेंडर खत्म हो गया. उसके बाद कफील फिर से शासन-प्रशासन से ऑक्सीजन के सिलेंडर मंगवाने की मांग करते रहे. लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा.
डॉ कफील ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 400 बच्चों के इलाज के लिए महज 12 डॉक्टर ही हैं. मालूम हो कि बीआरडी अस्पताल में करीब 400 बच्चे इन्सेफेलाइटिस बीमारी की वजह से जूझ रहे हैं.