नई दिल्ली. अगले दो सालों में 57,000 पूर्व सैनिकों की दोबारा तैनाती होगी. लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकतकर समिति की सिफारिशों को मानते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद बताया कि रक्षा मंत्रालय ने इस पर मंगलवार को मुहर लगा दी थी. इसके बाद मंत्रिमंडल ने बुधवार को सिफारिशों को 2019 तक लागू करने का निर्णय लिया है.
जेटली ने कहा “यह आजादी के बाद भारतीय सेना में किया गया सबसे बड़ा सुधार है और इसे सेना के परामर्श के बाद लागू किया जाएगा.
लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकतकर समिति का गठन सेना की आक्रामक क्षमता को बढ़ाने और उसपर किए जा रहे खर्च को तर्कपूर्ण बनाने के लिए सुझाव देने के लिए किया गया था. सरकार ने पहले बैच की 65 सिफारिशों को स्वीकार किया है. फैसले के बाद सेवानिवृत हो चुके अधिकारियों, जेसीओ और अन्य रैंक अधिकारियों की दोबारा तैनाती की जाएगी. अरुण जेटली रक्षा मंत्रालय का काम भी देख रहे हैं.