शिमला: प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना (PMGSY) में शामिल लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की अब परीक्षा होगी. परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अधिकारियों को पीएमजीएसवाई का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा. जो अधिकारी पास नहीं हो पाएंगे, उन्हें इस राष्ट्रीय योजना से अलग किया जा सकता है.
PWD अधिकारियों की होगी परीक्षा
केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई चरण तीन की मंजूरी से ठीक पहले यह नया नियम तय कर दिया है. हिमाचल पर इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा. हाल ही में केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई को सैद्धांतिक मंजूरी दी है और इस मंजूरी के बाद 3000 करोड़ रुपए प्रदेश के खाते में आने वाले हैं. केंद्र सरकार ने फुल डेप्थ रेक्लेमेशन तकनीक से सडक बनाने का भी प्रावधान किया है और यही प्रावधान इस परीक्षा की सबसे बड़ी वजह बन गया है.
यह परीक्षा पूरे भारत में एक साथ आयोजित होगी
हिमाचल में एफडीआर तकनीक से पीएमजीएसवाई में 600 किलोमीटर लक्ष्य तय किया गया है. दरअसल, लोक निर्माण विभाग में कार्यरत जेई, एसडीओ और एक्सईएन सडक निर्माण की आधुनिक तकनीक को कितना समझ पा रहे हैं, इसकी परख परीक्षा के माध्यम से केंद्र सरकार लेना चाहती है.
यह परीक्षा पूरे भारत में एक साथ आयोजित होगी. परीक्षा की रूपरेखा को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र जारी कर दिया है. यह परीक्षा 29 जुलाई को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक साथ आयोजित होगी.
पीएमजीएसवाई चरण तीन के प्रोजेक्ट निदेशक के माध्यम से यह पत्र जारी हुआ है. इसमें पहाड़ी क्षेत्रों में एक परीक्षा भवन में 75, जबकि मैदानी इलाकों में 150 आवेदकों को बैठाने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य में कितने परीक्षा केंद्र होंगे, यह आवेदकों की संख्या के आधार पर लोक निर्माण विभाग तय करेगा.
परीक्षा में 60 से 90 प्रश्न पूछे जाएंगे, जो सडक निर्माण से जुड़ी तकनीकों से संबंधित होंगे. इन प्रश्नों का उत्तर ऑनलाइन माध्यम से ही देना होगा. परीक्षा चिह्नित एजेंसी के माध्यम से होगी. आवेदकों का पंजीकरण, रोल नंबर आबंटन और एडमिट कार्ड देने का काम एजेंसी ही पूरा करेगी. एक पत्र के माध्यम से मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधीन आने वाले जेई, एई और ईई को परीक्षा के शेड्यूल और आवश्यक दिशानिर्देश जारी करें.
PMGSY में उच्च गुणवत्ता लाने के लिए यह कदम उठाया
इस परीक्षा में पास होने वाले अधिकारियों को पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. पीएमजीएसवाई के मुख्य अभियंता विकास सूद ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई में उच्च गुणवत्ता लाने के लिए यह कदम उठाया है. इस कदम में मौजूदा अधिकारियों की परीक्षा होगी. अधिकारियों को मौजूदा तकनीक के हिसाब से काम करने के लिए तैयारी का भी अवसर मिलेगा.
केंद्र सरकार एफडीआर तकनीक से आगामी दिनों में सडक निर्माण पर जोर देगी. पीएमजीएसवाई में हिमाचल भी इस तकनीक को अपनाने जा रहा है. पीएमजीएसवाई को बेहतर बनाने का जिम्मा जिन अधिकारियों पर है, उन्हें प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है और इस क्रम में पहली बार इस परीक्षा का आयोजन हो रहा है.