नई दिल्ली. अगर सबकुछ ठीक रहा तो बहुत जल्दी नकली लाइसेंस बनवाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा. फर्जी लाइसेंसो पर लगाम लगाने की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है. हो सकता है कि जल्दी ही देश के सभी ड्राइवरों को अपना आधार नंबर अपने लाइसेंस से जुड़वाना जरूरी कर दिया जाएगा. सड़क सुरक्षा पर कोर्ट द्वारा बनाई गई एक कमेटी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने की बात की पुष्टि के लिए रोड ट्रांसपॉर्ट ऐंड हाईवे मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी से मिली जानकारी का हवाला दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के जजों जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच को यह जानकारी दी गई. इस कमेटी को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज के. एस. राधाकृष्णन ने नियुक्त किया था. कमेटी ने रिपोर्ट दाखिल किया है कि ‘पिछले साल 28 नवंबर को हमने रोड ट्रांसपोर्ट ऐंड हाईवे मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रटरी से मुलाकात की. रिपोर्ट में बताया गया है कि फर्जी लाइसेंस के मुद्दे पर जॉइंट सेक्रटरी ने मंत्रालय नैशनल इन्फर्मेटिक्स सेंटर के साथ मिलकर एक सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है, जिसका नाम सारथी-4 रखा गया है. इसके द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस से आधार को जोड़ा जाएगा. इस सॉफ्टवेयर से रीयल टाइम बेसिस पर सभी राज्यों को जोड़ा जाएगा, जिसके बाद देश में कहीं भी फर्जी लाइसेंस बनवाना संभव नहीं होगा.