नई दिल्ली: रबी सीजन 2025-26 में खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 19 दिसंबर 2025 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिनके मुताबिक इस साल रबी फसलों की कुल बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 8.12 लाख हेक्टेयर अधिक दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, कुल रबी फसल क्षेत्रफल 580.70 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 572.59 लाख हेक्टेयर था।
गेहूं और चावल की बुआई में बढ़ोतरी
गेहूं (Wheat) की बुआई 301.63 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.29 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। चावल (Rice) की रबी बुआई में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बार 13.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती हुई, जो पिछले साल से 1.83 लाख हेक्टेयर अधिक है।
दलहन फसलों में मजबूत बढ़त, चना सबसे आगे
रबी सीजन में दलहन (Pulses) का रकबा 126.74 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल की तुलना में 3.72 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
चना (Gram) की बुआई में सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला। इसका क्षेत्रफल बढ़कर 91.70 लाख हेक्टेयर हो गया, जो 4.89 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है।
हालांकि, मसूर, उड़द, मूंग और अरहर जैसी कुछ दलहनों के क्षेत्र में मामूली गिरावट भी दर्ज की गई है।
अन्न और मोटे अनाज में मिला-जुला रुझान
अन्न और मोटे अनाज (Coarse Cereals) का कुल रकबा 45.66 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल से 0.61 लाख हेक्टेयर अधिक है। मक्का (Maize) और जौ (Barley) की बुआई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं ज्वार (Jowar) की खेती में गिरावट देखने को मिली है।
तेलहन फसलों में भी इजाफा
तेलहन (Oilseeds) का कुल क्षेत्रफल बढ़कर 93.33 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.67 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसमें सबसे बड़ा योगदान सरसों और रेपसीड (Rapeseed & Mustard) का रहा, जिनका रकबा बढ़कर 87.80 लाख हेक्टेयर हो गया।
हालांकि मूंगफली और अलसी जैसी कुछ फसलों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है।
कुल मिलाकर खेती के लिए सकारात्मक संकेत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, रबी बुआई में यह बढ़ोतरी अनुकूल मौसम, बेहतर सिंचाई सुविधा और किसानों के बढ़ते भरोसे को दर्शाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मौसम इसी तरह अनुकूल रहा, तो रबी उत्पादन 2025-26 में रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय दोनों को मजबूती मिलेगी।
कुल रबी फसल क्षेत्र (2025-26): 580.70 लाख हेक्टेयर
पिछले साल से बढ़ोतरी: 8.12 लाख हेक्टेयर यह आंकड़े देश की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत और सकारात्मक संकेत माने जा रहे हैं।
