नई दिल्ली. बजट 2018 में केंद्र सरकार ने टैक्स छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संसद में अपने पांचवें बजट में यह घोषणा की. सरकार का यह ऐलान नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है. मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय टैक्स मुक्त है, जबकि 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की आय के लिए 5 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है.
2.5 करोड़ सैलरीड और पेंशनर्स को लाभ
वित्त मंत्री ने टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने से इनकार किया. हालांकि, मौजूदा टैक्सेबल इनकम में से 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया है. वहीं वरिष्ठ नागरिकों को जमा राशि पर ब्याज आय में 50 हजार तक छूट मिलेगी. यानी जितनी सैलरी पर टैक्स बनेगा, उसमें से 40 हजार घटाकर टैक्स देना पड़ेगा. साथ ही, हाउस ऐंड ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर भी मामूली राहत दी गई है. इससे 2.5 करोड़ सैलरीड और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा.
बड़ा राजनीतिक जोखिम
टैक्स बचाने की सीमा 1.50 लाख रुपये ही होगी. इनकम टैक्स देने वालों की संख्या पिछले कुछ समय में बढ़ी है. नोटबंदी से करीब 1000 करोड़ रुपये ज्यादा टैक्स मिला है. नोटबंदी के बाद करीब 85.51 लाख नए टैक्सपेयर मिले हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मध्यम वर्ग और सर्विस क्लास को कोई राहत न देकर सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक जोखिम लिया है.
टैक्स कलेक्शन 90 हजार करोड़ रुपये बढ़ा
250 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी को राहत दी गई है, अब उन्हें कम टैक्स देना होगा. कॉर्पोरेट टैक्स में कंपनियों को भारी छूट दी गई है. 250 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना है. पहले यह राहत 50 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को ही थी. अपने बजट भाषण में जेटली ने बताया कि पिछले कुछ समय में इनकम टैक्स कलेक्शन 90 हजार करोड़ रुपये बढ़ा. वहीं डायरेक्ट टैक्स में 12.6 फीसदी का इजाफा हुआ है.
मौजूदा इनकम टैक्स नियम
आय मौजूदा दर
0 से 2.5 लाख रुपये 0%
2.5 लाख से 5 लाख रुपये 5%
5 लाख से 10 लाख रुपये 20%
10 लाख से ऊपर रुपये 30%