देहरा (कांगड़ा). सरकारी शिक्षक ब्लॉक देहरा के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत अनुबंध शिक्षकों की बैठक ज्वालामुखी में आयोजित की गई. शिक्षकों में डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करने या न करने के लिए असमंजस बना हुआ है. अभी तक शिक्षक यही सोच रहे हैं कि यदि वह प्रशिक्षण प्राप्त करें तो कैसे करें. ट्रेनिंग के लिए सरकारी स्कूलों में कार्यरत अनुबंध शिक्षकों को ट्रेनिंग हेतु अवकाश का भी प्रावधान नहीं है.
योजना के तहत केंद्र सरकार के निर्देशानुसार सरकार शिक्षकों को 2017 से 2019 के शैक्षणिक सत्र तक प्रशिक्षित होना अनिवार्य है. शिक्षकों का मानना है की यह शर्त हम पर जबरदस्ती थोपी जा रही है, क्योंकि शास्त्री अध्यापकों की त्रिवर्षीय डिग्री है जो कि आज तक ट्रेड अध्यापकों की ही श्रेणी में माने जाते रहे हैं. सभी अध्यापकों ने सरकार से यह मांग की है कि उनकी नियुक्तियां आरटीआई एक्ट 2009 के आधार पर हुई है और सभी अध्यापक प्रशिक्षित है. इसलिए डीएलएड में उनको छूट दी जाए.
संस्कृत परिषद ने भी पूर्व में सरकार से यह निवेदन किया है कि 2018 से पहले नियुक्त शास्त्रियों को डीएलएड के तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए जो शास्त्री हाल में पांच माह पूर्व स्कूल में नियुक्त हुए हैं. शिक्षकों में प्रवीण शर्मा, कमल किशोर, राकेश शर्मा, अमित, बनीता, कुलवंत, सुरजीत, भाटिया आदि सभी अध्यापकों ने प्रदेश सरकार से इस विषय पर सही दिशा निर्देश देने का आग्रह किया है ताकि शिक्षक इस असमंजस वह मानसिक स्थिति से मुक्त हो सके हो सके.