नाहन .कोटखाई में गुड़िया से हुए रैप व मर्डर मामले में लोगो का गुस्सा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. नाहन में आज अखिल भारतीय महिला जनवादी समिति ने अन्य संगठनों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में मुख्य रूप से किसान सभा,सीटू, सीपीआईएम,एसएफआई आदि संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद रहे. महिला समिति के बैनर तले कई लोग बस अड्डा पहुंचे और प्रदेश सरकार व शिमला पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. समिति के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कपूर का कहना है कि मामले में आरोपियों को बचाने की कोशिश सरकार व पुलिस महकमे द्वारा की जा रही है. ये बेहद निंदनीय शर्मनाक है. महिला जनवादी समिति ने मांग की है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
प्रशासन की गंभीरता पर उठता सवाल
पुलिस के द्वारा की जा रही जांच से यह नहीं लगता कि वह मामले को गंभीरता से ले रही है. छह जुलाई को घटना स्थल पर फोरेंसिक की टीम घटनास्थल पर गई थी. जहाँ पर उन्हें थोड़े बहुत सैंपल मिले, जिसमें गुड़िया का क्लिप उन्हें हाथ लगा.लेकिन इन सब के बावजूद कुछ पता नहीं लगा. इन सबका जिम्मेदार पुलिस को ठहराया जा रहा है क्योंकि वह फॉरेंसिक टीम के विशेषज्ञों का लाभ नहीं उठा पाई, साथ ही घटना के महत्वपूर्ण स्थल पर भी पुलिस उन्हें नहीं ले गई.ऐसे अब सवाल यह उठ रहा है कि इस जांच से पुलिस विशेषज्ञों को क्यों दूर रख रही है. इन सबका का जवाब प्रदेश की जनता जानना चाहती है.
वहीं इस मामले को लेकर जाँच की गई एसआईटी टीम में एक भी महिला अफसर को शामिल नहीं किया गया, जबकि ऐसे मामलों में यह जरुरी होता है. पुलिस की माने तो जंगल में ही गैंगरेप हुआ है, लेकिन पीडि़त परिजन व स्थानीय लोग इस बात को नहीं मानते. लिहाजा घटना के 13 दिन के बाद भी पुलिस घटनास्थल चिन्हित नहीं कर पाई है.