नई दिल्ली. EOS-09 Satellite Launch Failure: भारत की स्पेस एजेंसी ISRO को उस वक्त झटका लगा जब उसका बहुप्रतीक्षित EOS-09 (Earth Observation Satellite-09) लॉन्च मिशन असफल हो गया। इस मिशन के लिए श्रीहरिकोटा से PSLV-C61 Launch Vehicle का उपयोग किया गया था, लेकिन तीसरे चरण में तकनीकी खराबी के चलते रॉकेट अपना मिशन पूरा नहीं कर सका।
PSLV Failure Reason: तीसरे स्टेज में हुआ डिस्रप्शन
ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने मिशन फेल होने की पुष्टि करते हुए बताया कितीसरे चरण (third stage) के संचालन के दौरान एक तकनीकी समस्या सामने आई, जिसके चलते लॉन्च को बीच में ही रोकना पड़ा। हम मिशन के हर चरण की जांच कर रहे हैं और विश्लेषण के बाद आगे की जानकारी साझा करेंगे।
EOS-09 Satellite: क्यों अहम था यह मिशन?
EOS-09 को खासतौर पर भारत की Remote Sensing Capability को बढ़ाने और खासकर Anti-Terrorism Operations, Border Surveillance और Disaster Monitoring के लिए डिजाइन किया गया था। यह उपग्रह EOS-04 का रिपीट वर्जन था और इसे SSPO Orbit (Sun Synchronous Polar Orbit) में स्थापित किया जाना था।
EOS-09 Features:
- बादलों के पार भी High Resolution Imaging
- सीमावर्ती गतिविधियों की निगरानी
- कृषि और वन संसाधनों का आंकलन
- सामरिक व सैन्य उद्देश्यों में उपयोगी
ISRO की जांच प्रक्रिया शुरू
ISRO ने इस लॉन्च फेलियर को “Major Technical Setback“ मानते हुए इसकी गहन जांच शुरू कर दी है। PSLV जैसे भरोसेमंद लॉन्च वेहिकल की विफलता पर एक्सपर्ट्स की टीम कारणों का पता लगाने में जुटी है। फिलहाल इसरो द्वारा मिशन की विस्तृत Failure Analysis Report की प्रतीक्षा की जा रही है।
Mission Abort से पहले मिली थी सराहना
लॉन्चिंग से पहले ही वरिष्ठ वैज्ञानिक W Selvamurthy ने EOS-09 मिशन की सराहना करते हुए इसे भारत के रक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम बताया था।
ISRO EOS-09 Launch Failure देश की अंतरिक्ष तकनीक के लिए एक अस्थायी झटका है, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों का रिकॉर्ड दिखाता है कि हर असफलता के बाद उन्होंने पहले से बेहतर वापसी की है। आने वाले दिनों में ISRO की ओर से इस मिशन की फेल्योर रिपोर्ट और अगला एक्शन प्लान सामने आने की उम्मीद है।