हमीरपुर. 18 हेक्टेयर भूमि पर हमीरपुर में औषधीय खेती होगी. इसके लिए आयुर्वेद विभाग 12 लाख रुपए की राशि खर्च करेगा. क्लस्टर लेवल पर होने वाली औषधीय पौधों की खेती के लिए यह बजट हमीरपुर को जारी किया गया है. आठ क्लस्टर में यह खेती होगी. दो हेक्टेयर भूमि का एक क्लस्टर बनाया गया है. इसके साथ ही पॉली हाउस में पौधे उगाए जाएंगे.
अब तक करीब चार क्लस्टर को आयुर्वेद विभाग से औषधीय खेती करने की मंजूरी मिल गई है. भूमि के पेंच में फंसने के बाद पांच क्लस्टर की वेरिफिकेशन आयुर्वेद विभाग ने मांगी है. वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद औषधीय खेती शुरू हो जाएगी. औषधीय खेती पर किसानों को सबसिडी प्रदान की जाएगी.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार क्लस्टर लेवल पर तुलसी, अश्वगंधा, सर्पगंधा व सफेद मूसली की खेती होगी. तीन हेक्टेयर भूमि पर तुलसी, तीन हेक्टेयर में अश्वगंधा, सात हेक्टेयर में सर्पगंधा व पांच हेक्टेयर भूमि में सफेद मूसली उगाई जाएगी.
लोगों को रुझान बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग ने यह निर्णय लिया
आयुर्वेद की तरफ लोगों को रुझान बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग ने यह निर्णय लिया है. इसके साथ ही औषधीय पौधों के संरक्षण व भंडारण के लिए नेरी हर्बल गार्डन में दो शैड तैयार किए गए है. इनमें एक स्टोरेज व दूसरा ड्रायर शैड है. हमीरपुर में तैयार होने वाली औषधियों को अब भंडारण के लिए जिला से बाहर नहीं भेजना पड़ेगा. शैड में भंडारित करने के बाद औषधीय पौधों की गुणवत्ता जांच के लिए विभाग की विशेषज्ञों की टीम पहुंचेगी. यहां स्टोरेज व भंडारित करने का सही तरीका सिखाया जाएगा.
विभाग की माने तो पांच क्लस्टर लेवल पर कार्य पूरा नहीं हो पाया है. भूमि का सही विवरण न देने के कारण कार्य अभी लटका हुआ है. आयुर्वेद विभाग ने इन क्लस्टर की वेरिफिकेशन करने के लिए कहा है. विभाग से किसानों से आग्रह किया है कि जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी कर जमीन का विवरण संबंधित विभाग को सौंपें, ताकि औषधीय पौधों की खेती शुरू हो सके.