नई दिल्ली. भाजपा के वरिष्ठ नेता और एनडीए सरकार में वित्त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली को अर्थव्यवस्था का कबाड़ा करने का जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2019 से पहले इसमें कोई सुधार नहीं आने वाला है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा है कि गणना के पुराने तरीके से अभी जीडीपी 3.7 फीसदी से भी कम है.
अर्थव्यवस्था में मंदी
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अपने कॉलम में सिन्हा ने लिखा है कि जिस तरह तेल के दाम कम हैं उस लिहाज से जेटली अर्थव्यवस्था को मजबूत बना पाने में असफल रहे हैं. उन्होंंने कहा है कि जो स्थिति है उसपर अगर मैं नहीं बोलूं तो यह मेरे देश के प्रति जिम्मेवारी से भागना होगा.
उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक में निजी निवेश में इतनी कमी कभी नहीं हुई. उन्होंने लिखा है कि उद्योगों की स्थिति खास्ताहाल है और खेती खतरे में पड़ी हुई है, निर्माण(कंस्ट्रक्सन) उद्योग के साथ बड़े उद्योग डवांडोल स्थिति में हैं. अपने कॉलम में उन्होंने कहा है कि सेवा क्षेत्र की स्थिति भी सही नहीं है और निर्यात घट गया है.
नोटबंदी आर्थिक आपदा
सिन्हा ने नोटबंदी को एक ‘आर्थिक आपदा’ करार दिया है. उन्होंने कहा है कि जीडीपी में कमी की एकमात्र वजह नोटबंदी नहीं है बल्कि इसने ‘आग में घी डालने’ का काम किया है.
इसके साथ ही जीएसटी लागू करने के लचर तरीकों पर सवाल उठाते हुए उन्होंंने कहा है कि इससे कई व्यापार बर्बाद हो गए हैं. सिन्हा ने कृषि संकट के लिए सरकार की आलोचना की है. उन्होंने चिंता जताते हुये लिखा है कि इस साल मानसून संतोषजनक नहीं रहा है इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के हालात और बिगड़ सकते हैं.
हाल ही में विभिन्न राज्य सरकारों के द्वारा किसानों को किये लोन माफी पर तंज कसते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकारों ने भारी ऋण-माफी की है जो एक पैसे से लेकर एक रुपये तक भी है.