नई दिल्ली.भारतीय जनसंचार संस्थान का अधिकारी अमला, संस्थान में सिविल सर्विस संहिता (सीसीए) को लागू करने पर विचार कर रहा है. शुक्रवार को होने वाली कार्यकारी परिषद की मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. शिक्षकों ने सीसीए को लेकर विरोध जताया है और कहा है कि यह शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला है और इससे हमारी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है.
क्या कहता है सीसीए रूल
सिविल सर्विस संहिता 1964 लागू हो जाने के बाद कोई भी शिक्षक रेडियो,टीवी और प्रिंट में सरकार की आलोचना नहीं कर सकते. इस नियम के अनुसार संस्थान से जुड़ा कोई व्यक्ति छद्म रूप से भी सरकार की आलोचना नहीं कर सकता.
जदयू के तीन सांसदों ने सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि मीडिया संस्थान का प्रशासन शिक्षकों द्वारा उठाए जाने वाले शैक्षणिक मुद्दों का राजनीतिकरण कर रहा है.