प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग एक हफ्ते पहले अपने सभी सांसदों को संसद सत्र के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा था ताकि सरकार कोई भी बिल आसानी से पास करा सके. परन्तु 31 जुलाई को सदन में सत्ता पक्ष के पर्याप्त सांसद नहीं होने की वजह से राज्यसभा में संविधान संशोधन विधेयक के महत्वपूर्ण प्रावधान को हटाना पड़ा. नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा देने के लिए सरकार ने संविधान संशोधन बिल पेश किया था.
संविधान संशोधन (123वां संशोधन) विधेयक 2017 में क्लॉज 3 को हटाना पड़ा जो कमीशन के संगठन से जुड़ा हुआ था. राज्यसभा में इस बिल के अस्वीकार हो जाने के बाद सरकार को फिर से लोकसभा में नया विधेयक पेश कर इसे पारित करवाना था जिससे यह बिल राज्य सभा में फिर आ पाये.
अगर यह कोई सामान्य विधेयक होता तो बहुमत से पारित हो जाता किन्तु यह संविधान संशोधन विधेयक था जिसके लिए दो तिहाई बहुमत वोट चाहिए थे. राज्यसभा में इस विधेयक को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, बीके हरिप्रसाद ने सरकार के विधेयक में कई संशोधन प्रस्ताव पेश किये. चर्चा के दौरान सभापति ने कहा कि यह विधेयक एक ही सूरत में पारित हो सकता है जब पक्ष और विपक्ष दोनों इसका समर्थन करे. दोनों पक्षों को एकमत करने के लिए सदन को थोड़ी देर के लिये स्थगित भी किया गया परन्तु सत्ता पक्ष के पर्याप्त सांसद न होने के वजह से यह विधेयक पारित नहीं हो सका.