नई दिल्ली. भारत सरकार द्वारा लागू की जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020)के तहत सीबीएसई (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) को लागू करने को लेकर स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। यह दिशा-निर्देश खासतौर पर 3 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों की पढ़ाई को लेकर जारी किए गए हैं।
स्कूल के पाठ्यक्रम में भाषा नीति का बड़ा बदलाव
CBSE ने निर्देश दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से सभी स्कूल एनसीएफ दिशानिर्देश के अनुरूप language of instruction को लेकर बदलाव करें। बच्चों को अब शुरुआती कक्षाओं में R1 भाषा, यानी उनकी मातृभाषा या स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाएगा।
सभी स्कूलों को मई 2025 तक एक समर्पित एनसीएफ समिति बनानी होगी, जो छात्रों की भाषाई ज़रूरतों, उपलब्ध resources और पाठ्यक्रम की योजना पर काम करेगी।
मासिक रिपोर्टिंग प्रणाली होगा लागू
गाइडलाइन के अनुसार, सभी स्कूलों को जुलाई 2025 से हर महीने की 5 तारीख तक एक स्टेटस रिपोर्ट (implementation report) CBSE को भेजनी होगी। इसके लिए CBSE ने एक specific online link भी शेयर किया है। इस रिपोर्ट में स्कूलों को यह बताना होगा कि उन्होंने NCF implementation को लेकर क्या-क्या किया है।
Summer Vacation तक Teaching Material तैयार करना अनिवार्य
CBSE ने स्कूलों से कहा है कि वे गर्मी की छुट्टियों के अंत तक नई teaching materials और syllabus तैयार कर लें। यह सामग्री इस तरह से डिजाइन की जाए कि R1 Language को primary medium of instruction के रूप में उपयोग किया जा सके। साथ ही बच्चों को समय पर R2 Language (second language) से भी परिचित कराया जाए।
Teacher Training पर भी दिया गया जोर
CBSE ने कहा है कि बदलाव लागू करने से पहले सभी teachers को बहुभाषी शिक्षण रणनीतियाँ, भाषा मूल्यांकन तकनीकें, और गतिविधि-आधारित शिक्षा की ट्रेनिंग देना जरूरी होगा। इसके लिए कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
NEP Structure: कौन सी Stage में क्या बदलाव?
NEP 2020 के अनुसार, स्कूली शिक्षा को 4 स्टेज में बांटा गया है:
- Foundational Stage (Age 3-8): Pre-primary से कक्षा 2 तक
- Medium of instruction: R1 Language (मातृभाषा/राज्य भाषा)
- प्रारंभिक चरण (आयु 8-11, कक्षा 3-5)
- मध्य चरण (आयु 11-14)
- माध्यमिक चरण (आयु 14-18)
(इन दोनों चरणों के लिए फिलहाल यह भाषा गाइडलाइन लागू नहीं होगी)
NCF Language Guideline का मकसद क्या है?
इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चा उस भाषा में सीखे, जिसमें वह सोचता और समझता है। रिसर्च में यह पाया गया है कि जब प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाती है, तो बच्चों की learning capability और concept clarity में भारी सुधार होता है।
CBSE का मानना है कि यह बदलाव छात्रों को एक मजबूत शैक्षिक आधार देगा और बहुभाषी प्रवीणता भी विकसित करेगा।