कुल्लू. कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के बीच चुनावी जंग एक नई दुनिया की तरफ लेकर जा रही है. प्रत्याशी बेहद मंंझे हुए खिलाड़ियों की तरह इलेक्शन कैंपेन में सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. और संदेशों में लोककलाओं और क्षेत्रीय भाषा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. कहना गलत न होगा कि सुदूरवर्ती इलाकों में भी इस तरह के प्रयोग डिजिटल भारत मुहिम की तरफ बढ़े मजबूत कदम हैं.
सभी ग्राम पंचायतों का व्हाट्सएप ग्रुप
बंजार के भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र शौरी ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर एकाउंट बना रखे हैं. इसके साथ ही उन्होंने एक बेवसाइट भी तैयार कराई है जिससे उनके प्रचार अभियान को गति मिल रही है. उनके समर्थकों ने क्षेत्र की सभी 56 पंचायतों के व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखे हैं. सुबह 9 से 11 बजे तक सुरेंद्र खुद सोशल मीडिया पर जनता के सवालों के जवाब देते हैं.
दूर-दराज की जगहों तक चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है: जगदीश, भाजपा IT सेल संयोजक, बंजार विधानसभा pic.twitter.com/N1Uucu3Vvg
— Panchayat Times (@PanchayatTimes) November 6, 2017
सोशल मीडिया पर सुरेंद्र के लिए कैंपेनिंग का जिम्मा संभाला है कुल्लू भारतीय युवा मोर्चा के संयोजक जगदीश ने. जगदीश बताते हैं कि बंजार में शक्ति मरोर, पाटन शरज, सर्ठी, श्री कोट जैसे कई दुर्गम गांव हैं जहां पहुंचने में कई किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती थी. मगर इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर होने के कारण यहां के युवाओं को सीधे संपर्क कर लिया जाता है.
स्थानीय भाषा में हैशटैग और पहाड़ी गीतों के जरिए प्रचार
जगदीश बताते हैं कि कुल्लू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा का बंजार में दो जगह लाइव प्रसारण किया गया, जो सोशल मीडिया के जरिए ही संभव हुआ. व्हाट्सएप और फेसबुक पर पहाड़ी गीतों में प्रचार किया जा रहा है और स्थानीय भाषा में हैशटैग चलाए जा रहे हैं जो बेहद प्रचिलित हो रहे हैं. इस नए प्रयोग ने चुनावी खर्च को भी काफी कम कर दिया है क्योंकि दूरस्थ इलाकों में जाने के लिए परिवहन खर्च के साथ ही समय की भी बचत हो रही है.
तीन प्रत्याशियों में कड़ा सोशल मीडिया युद्ध
बंजार विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से सुरेन्द्र शौरी, कांग्रेस से आदित्य विक्रम सिंह और बसपा से झाबे राम कौशल चुनाव मैदान में हैं. तीनों युवा हैं, इसलिये सोशल मीडिया का इस्तेमाल बखूबी कर रहे हैं. सुरेन्द्र शौरी जिला पार्षद रह चुके हैं. फोर्थ क्लास कर्मचारी के बेटे हैं.
वहीं, आदित्य विक्रम सिंह, वीरभद्र सरकार में मंत्री और क्षेत्र के विधायक रह चुके कर्ण सिंह के बेटे हैं और यूथ कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. छह महीने पहले पद पर रहते हुये कर्ण सिंह की मृत्यु हुई थी. आदित्य अपने पिता के अधूरे काम को पूरा करवाने के वादे के साथ जनता से वोट मांग रहे हैं. सुरेन्द्र शौरी ‘उपरी क्षेत्र’ बंजार से आते हैं जहां उनकी अच्छी पकड़ है. वहीं, गडसा वैली, सैंज और विजौरा में आदित्य विक्रम सिंह दबदबा रखते हैं. क्षेत्र में विकास का मुद्दा हावी है.