नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फिल्म ‘पद्मावत’ को हरी झंडी दिए जाने के बावजूद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. करणी सेना फिल्म के रिलीज न होने पर अब भी अड़ी हुई है.
करणी सेना देश के कई जगहों पर फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. वहीं कई जगहों पर यह प्रदर्शन उग्र भी हो गया है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कैसल मॉल में रविवार देर शाम हथियारबंद नकाबपोशों ने जमकर उत्पात मचाया. ये लोग बिना कुछ बोले कुछ ही मिनटों में तोड़फोड़ करके फरार हो गए. हिंसा के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि अगर कोई सिनेमा का मालिक इस फिल्म को नहीं दिखाता है तो यह अच्छा है. लेकिन अगर वह फिल्म दिखाने की बात करता है तो उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना हमारी ड्यूटी है.
तोड़फोड़ और हिंसा
रविवार को नोएडा में डीएनडी फ्लाईओवर पर तोड़फोड़ की गई. प्रदर्शनकारियों ने टोल बूथ के काउंटर के शीशे तोड़ दिए. यही नहीं प्लास्टिक बैरियर्स में भी आग लगा दी. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्स्प्रेस-वे पर भी टायर में आग लगाकर सड़क को जाम किया गया. जिसकी वजह से काफी गाड़ियां जाम में फंसी रही.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली और मथुरा सहित कई जगहों से विरोध की खबर सामने आईं. कहीं सिनेमाहाल में कालिख पोत दी गई, तो कहीं हथियार लहराकर प्रदर्शन किया गया. इसके अलावा गुजरात के मेहसाणा में भी सिनेमा हाल में तोड़फोड़ की गई. डरे हुए कई सिनेमा मालिकों ने फिल्म न दिखाने का फैसला किया है. करणी सेना के एक सदस्य ने कहा कि हम इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि कोई भी सिनेमा हॉल फिल्म को नहीं दिखाएगा और अगर कोई ऐसा करता है तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे.
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
वहीं राजस्थान सरकार और मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म रिलीज के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार अर्जी दाख़िल की है. जिसपर कल सुनवाई होगी.
सवाल उठता है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राज्य सरकारें करणी सेना के सामने असहाय क्यों नजर आ रही हैं. जिस तरह से हिंसक विरोध हो रहे हैं, उससे साफ है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी राज्य सरकारें स्थिति को काबू कर पाने में पूरी तरह विफल हैं.