नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-बांग्लादेश मैत्री डीजल पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे. PMO की ओर से इसकी जानकारी दी गई है. 130 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन 377 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनकर तैयार हुई है.
भारत से पाइपलाइन के जरिए डीजल आयात करने के लिए 2017 में एक समझौता हुआ था. इसके बाद मार्च 2022 में इस पाइपलाइन को बनाने का काम शुरू हुआ. इस परियोजना को जून 2022 तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हुई.
दोनों देशों के बीच बढ़ेगा ऊर्जा सुरक्षा सहयोग
यह भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पार पहली ऊर्जा पाइपलाइन है. इससे दोनों देशों में ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के संचालन से भारत से बांग्लादेश तक एचएसडी लाने-ले जाने का एक स्थायी, विश्वसनीय, किफायती और पर्यावरण अनुकूल साधन स्थापित होगा और दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग को और बढ़ाएगा.
शुरुआत में बांग्लादेश के 7 जिलों में होगी आपूर्ति
इस मैत्री डीजल पाइपलाइन में हाई-स्पीड डीजल के 10 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष के परिवहन की क्षमता है. शुरुआत दिनों में यह उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में डीजल की आपूर्ति करेगी.
ढाका के बिजली राज्य मंत्री नसरूल हामिद ने बताया था कि भारत से डीजल आयात करने के लिए करीब 131.5 किलोमीटर लंबे पाइपलाइन का निर्माण किया गया है. इस पाइपलाइन का 126.5 किलोमीटर हिस्सा बांग्लादेश में और 5 किलोमीटर भारत में है. ये पाइपलाइन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से दिनाजपुर के पार्वतीपुर में मेघना पेट्रोलियम डिपो तक गई है.