लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निवेशकों के तीन दिवसीय महाकुंभ का आगाज हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का उद्घाटन किया. लखनऊ के वृंदावन योजना में 10 से 12 फरवरी तक आयोजित होने वाले यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 में देश-दुनिया की दिग्गज कारपोरेट हस्तियां शिरकत करेंगी.
कार्पोरेट दिग्गजों का लगा महाकुंभ
उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ सभी 75 जनपदों में निवेश हो रहा है. उन्होंने कहा कि यूपीजीआईएस 2023 प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी बनाने के साथ ही देश को पांच ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी बनाने के संकल्प को पूर्ण करेगा. नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में आज से प्रारंभ हो रहे तीन दिवसीय यूपीजीआईएस-2023 में निवेशकों, नीति-निर्धारकों, कॉरपोरेट जगत के प्रतिनिधिमंडलों, शिक्षाविदों एवं सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समापन समारोह की मुख्य अतिथि होंगी
12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समापन समारोह की मुख्य अतिथि होंगी. निवेशकों के इस तीन दिवसीय महासम्मेलन में एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश की प्रगति के संदर्भ में डबल इंजन की सरकार के विजन को साझा करेंगे.
आज से प्रारंभ हो रहे तीन दिवसीय महासम्मेलन में कुल 34 सत्र होंगे
तीन दिनों तक चलने वाली समिट में कुल 34 सत्र होंगे. पहले दिन 10, दूसरे दिन 13 और आखिरी दिन 11 सत्र आयोजित किए जाएंगे. अधिकांश सत्रों में केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे. समिट में देश के कई नामचीन उद्योगपतियों के अलावा नीदरलैंड,जापान, यूएई, आस्ट्रेलिया,यूके समेत करीब 40 देशो के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. समिट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर विचार विमर्श किया जायेगा. इसके अलावा अलग अलग सत्रों में अन्य केंद्रीय मंत्रियों की अगुवाई में निवेश और विकास संबधित विषयों पर चर्चा की जाएगी.
यूपी सरकार ने कई देशों में रोड शो कर किया निवेशकों को आमंत्रित
समिट से पहले यूपी सरकार कई देशों में रोड शो कर निवेशकों को आमंत्रित कर चुकी है. सरकार का दावा है कि समिट से पहले ही 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. समिट में मेहमानो के ठहरने के लिये बनायी गयी टेंट सिटी में उत्तर प्रदेश की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. यहां टेंट के नाम प्रयागराज, काशी, अयोध्या और भारद्वाज समेत अन्य धार्मिक स्थलों और ऋषियों के नाम पर रखे गए हैं. समिट के लिए आने वाले मेहमानों की हर सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है. वहीं उनके मनोरंजन के लिए भी प्रबंध किए गए हैं. पूरे समिट के दौरान सिर्फ आयोजन स्थल ही नहीं, बल्कि पूरे लखनऊ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं.
सीएम योगी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी रहे मौजूद
इस दौरान अलग-अलग सत्रों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित मोदी सरकार के तमाम मंत्री सरकार की नीतियों से निवेशकों को अवगत कराएंगे. वहीं, रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, टाटा संस के के चंद्रशेखरन, बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा जैसी हस्तियां निवेशकों का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी. समिट में 40 देशों से 400 से अधिक डेलीगेट्स अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है. देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार छोटे-बड़े निवेशक महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे.