सुजानपुर(हमीरपुर). बीजेपी के सीएम चेहरे को मात देने वाले राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रेम कुमार धूमल मेरे राजनीतिक गुरू हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं. उनकी हार पर बात करते हुए राणा ने कहा कि “धूमल सुजानपुर के लोगों से जुड़े नहीं थे जबकि मैंने पांच साल सुजानपुर की सेवा की है.” राणा ने कहा कि धूमल ने सुजानपुर में व्यापारियों और सरकारी नौकरी वालों को डराने की भी कोशिश की, मगर फिर भी वोटरों ने उनका साथ नहीं दिया. उन्होंने लोगों को यकीन दिलाया कि पांच साल विपक्ष में बैठकर ही वो उनके हितों की रक्षा करेंगे.
“झूठे मुकदमों में फंसाने का प्रयास किया”
राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए प्रेम कुमार धूमल ने मुझे झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की. यही वजह थी कि मैं उनसे अलग हो गया. वह आगे कहते हैं कि महाभारत का जब युद्ध हुआ तो अर्जुन अपने गुरू के खिलाफ खड़े थे. अर्जुन धर्म की रक्षा के लिए लड़ रहे थे इसीलिए वो निडर थे.” राणा ने अपनी जीत के लिए सुजानपुर के लोगों और कांग्रेस नेतृत्व का आभार जताया.
ईवीएम को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राणा ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए चुनाव आयोग को पुरानी प्रणाली पर ही लौटना चाहिए. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के पद को लेकर चले विवाद के बारे में राणा ने कहा था कि धूमल को अगर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो यह लोकतंत्र की हत्या होगी.