शिमला. शिमला के कैथू जेल में एनडीपीएस एक्ट के तहत अंडर ट्रायल कैदी दीपराम पेशी के लिए शिमला के अदालत लाया गया था. पुलिस जवानों के साथ कैदी कोर्ट में पेशी को तो गया, लेकिन उसके बाद शाम 5 बजे तक वह जेल नहीं पहुंचा.
जेल के बजाय यह कैदी कोर्ट से कातिब 10 किलोमीटर दूर दिव्यनगर में बिना पुलिस के निगरानी के देखा गया. यही नहीं कुछ अन्य लोगों के साथ यह कैदी किसी दूसरे व्यक्ति के प्लाट में घूम रहा था.
दिव्यनगर के ब्रिज लाल ने फोटो और वीडियो पेश कर कैथू जेल, कांड जेल और एसपी शिमला सौम्या सम्बशिवम से बात की. लेकिन सभी ने इस पर कुछ कहने से इनकार कर दिया.
बृजलाल ने आरोप लगाया कि इतने संगीन जुर्म में पकड़े गए आरोपियों को इस तरह खुले घूमने देना सरासर लापरवाही है और बिना मिलीभगत के यह सब संभव नहीं है. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि आज सुबह ही कांड जेल से तीन कैदी फरार हुए और दिन में कैदी पिकनिक मनाने जेल से करीब 20 किलोमीटर दूर चले जाते हैं. वहीं दूसरी और गुड़िया मामले में पुलिस अधिकारी जेल की हवा कहा रहे हैं.
ब्रिज लाल ने कहा कि यह आरोपी उनके प्लॉट पर आकर मजदूरों के साथ करीब 4 घंटे तक रहा और इस दौरान उनके साथ पुलिसकर्मी नजर नहीं आये. जबकि नियमानुसार कैदी को कभी अकेला नहीं छोड़ा जा सकता ऐसे में इस कैदी को घूमने की इजाजत कैसे मिली? उन्होंने इस मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं इस मामले में डीजीपी सोमेश गोयल ने कहा यदि ऐसा हुआ है तो निश्चित तौर पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.