सोलन(हिन्नर पंचायत). गिरी नदी पर बने पुल को पारकर मैं सोलन जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर हिन्नर पंचायत के गौड़ा गांव पहुंचा. यहां बहने वाली गिरी नदी सोलन और सिरमौर जिले को अलग करती है. गांव में 10+2 तक का स्कूल है. पशु चिकित्सा केन्द्र है. और एक आयुर्वेदिक अस्पताल भी है. इसके साथ ही कई सरकारी काम-काज यहीं निपट जाते हैं. पास में पैरा ग्लाइंडिंग होती है. और गांव को जोड़ने वाली सड़क की हालत ठीक-ठाक है.
दो मंजिले पंचायत भवन में गांव के प्रधान मौजूद नहीं हैं. मालूम चला सोलन विधानसभा(53) से कांग्रेस के उम्मीदवार कर्नल धनीराम शांडिल के कार्यक्रम में शामिल होने गये हैं. हिन्नर पंचायत में शुनिवार को कर्नल धनीराम शांडिल का नुक्कड़ सभा होने वाला है और स्थानीय कार्यकर्ता इसकी तैयारी में जुटे हुये हैं.
गौड़ा गांव में कभी चमड़े के जूते की फैक्टरी के मालिक रहे और अब दुकान चलाने वाले रविन्द्र कुमार बताते हैं कि अंग्रेज इसे ‘गौड’ बोलते थे. बाद में इसका हिमाचली नाम गौड़ा हो गया.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को 10 में 10 नंबर देने वाले रविन्द्र कुमार ’70 हजार नौकरियां’ देने को राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हैं. जीएसटी को लेकर वे केन्द्र की भाजपा सरकार से नाराज हैं और इसे महंगाई की वजह मानते हैं. कहते हैं; ‘जीएसटी दर में लगातार हो रहे बदलाव की वजह से व्यावसायियों की परेशानी बढ़ गयी है.’
वहीं, इस विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों के लिये नोटबंदी का अब पुराने दिन की बात हो गयी है. रविन्द्र भी इसे मुद्दा नहीं मानते हैं.
सोलन विधान सभा का चुनाव इस मायने में भी दिलचस्प है क्योंकि दो बार सांसद रह चुके और क्षेत्र के वर्तमान विधायक कर्नल धनीराम शांडिल को चुनौती उनके दामाद डॉ. राजेश कश्यप से ही मिल रही है. डॉक्टरी का पेशा छोड़कर अब वे क्षेत्र में अस्पतालों की स्थिति को ठीक करना चाहते हैं. इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सही नहीं है. चम्बाघाट के किसान फोरव्हीलर यूनियन के सचिव चेतन शर्मा कहते हैं, ‘पिछले पांच सालों में अस्पतालों में बेड की कमी रही है, और एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को भर्ती करवाया जाता रहा है.’
सोलन विधानसभा सीट से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में है. लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी राजेश कश्यप और कांग्रेस के धनीराम शांडिल के बीच दिख रही है. दोनों के बीच श्वसुर-दामाद का रिश्ता भी है. इसपर चेतन शर्मा कहते हैं, ‘अगर दामाद जीतता है तब भी सीट घर में ही रहेगी और अगर श्वसुर जीतता है तब भी सीट घर में ही रहनेवाली है.’ जबकि रविन्द्र कुमार इसे महाभारत के युद्ध से जोड़ते हुये सही और गलत के बीच की लड़ाई मानते हैं.
सोलन विधानसभा सीट पर भाजपा ने नये चेहरे राजेश कश्यप को मैदान में उतार कर वर्तमान विधायक धनीराम शांडिल के लिये मुसीबत खड़ी कर दी है. चुनावी ‘महाभारत’ में चक्रव्यूह का पहला पड़ाव इस क्षेत्र के वर्तमान भाजपा सांसद वीरेन्द्र कश्यप अपने भाई को अपनी पार्टी से टिकट दिलवाकर जीत चुके हैं. लेकिन चक्रव्यूह पार करने के लिये राजेश कश्यप को जनता का विश्वास जीतने की चुनौती होगी.