नई दिल्ली. चुनाव आयोग (EC) ने शनिवार को मद्रास हाई कोर्ट को सूचित किया कि तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए मतदाता सूची का विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) जल्द ही शुरू किया जाएगा। यह प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू होने का कार्यक्रम है।
इसके अलावा, बिहार की तरह अन्य चुनाव-प्रधान राज्यों में भी इसी तरह की संशोधन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह जानकारी चुनाव आयोग ने मुख्य न्यायाधीश मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी अरुल मुरुगन की बेंच के समक्ष दी।
पूर्व AIADMK विधायक की याचिका पर EC करेगा विचार
EC ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन के दौरान वह पूर्व AIADMK विधायक बी. सत्यनारायण द्वारा उठाई गई शिकायत पर भी ध्यान देगा। सत्यनारायण ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर T. नगर विधानसभा क्षेत्र की 229 बूथों में पूरी और पारदर्शी पुन: सत्यापन कराने का निर्देश मांगा था।
पूर्व विधायक का आरोप है कि चेन्नई के T. नगर क्षेत्र में अधिकारियों ने करीब 13,000 AIADMK समर्थकों को जानबूझकर मतदाता सूची से हटाया, जिससे सत्तारूढ़ DMK को लाभ पहुंच सके। याचिका में उन्होंने यह भी बताया कि 1998 में क्षेत्र में 2,08,349 पंजीकृत मतदाता थे, जबकि 2021 में यह संख्या केवल 36,656 बढ़ी। उन्होंने मतदाता सूची और क्षेत्र की वास्तविक जनसंख्या के बीच बड़े अंतर का भी हवाला दिया।
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग स्वीकार कर बिहार SIR मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रतियां चुनाव आयोग से मांगी हैं। इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तय की गई है।
बिहार में SIR का परिणाम
बिहार में SIR के बाद चुनावों से पहले कुल 47 लाख अवैध मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाया गया। 24 जून तक मतदाता सूची में 7.89 करोड़ नाम दर्ज थे। संशोधन के बाद 65 लाख अवैध मतदाता हटाए गए और 1 अगस्त को प्रकाशित प्रारूप सूची में कुल संख्या 7.24 करोड़ रही। इसके बाद अतिरिक्त 3.66 लाख अवैध मतदाता हटाए गए और 21.53 लाख नए योग्य मतदाता जोड़े गए। अंतिम सूची में कुल योग्य मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ पहुंच गई।
