शिमला: भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपए का नोट सरकुलेश बंद करने का फैसला लिया है. इसके लिए आम जनता को 30 सितंबर तक का वक्त दिया गया है. इस कदम के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है. इस बीच हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर पलटवार किया है. ठाकुर ने कहा कि विपक्ष बेवजह पैनिक क्रिएट करने की कोशिश कर रहा है.
पैनिक क्रिएट करने की कोशिश कर रहा विपक्ष
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आम जनता को नोट बदलवाने और अपने नोटों को खाते में जमा करवाने के लिए पर्याप्त समय दिया है. ऐसे में किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. विपक्ष के कुछ नेता लोगों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आम जनता 30 सितंबर तक सुविधा अनुसार दो हजार रुपए के नोट या तो बदलवा सकती है या अपने खाते में जमा कर सकती है. उन्होंने कहा कि दो हजार का नोट बंद करना समय की आवश्यकता है. इससे देश की अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा.
CM सुक्खू का सरकार से सवाल
वहीं, इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने नोट बंद करने को गलत करार दिया है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि छह साल पहले की गई नोटबंदी की वजह से जीडीपी को 2 फीसदी का नुकसान हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि नोटबंदी से ब्लैक मनी वापस आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. सरकार को जनता को बताना चाहिए कि आखिर नोटबंदी से क्या फायदा हुआ?
RBI ने शुक्रवार देर शाम दो हजार रुपए का नोट प्रचलन से बंद करने का फैसला लिया है. हालांकि यह नोट फिलहाल लीगल टेंडर बना रहेगा. आरबीआई ने कहा है कि स्वच्छ मुद्रा नीति के तहत दो हजार रुपए के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला लिया गया है. जिनके पास दो हजार रुपए के नोट हैं, वे 30 सितंबर तक या तो इसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं या फिर बदलकर छोटा नोट ले सकते हैं.