नई दिल्ली. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के लिए बनने वाले नए कॉम्प्लेक्स का नाम ‘Seva Teerth’ रखा गया है। यह कॉम्प्लेक्स Central Vista Redevelopment Project का हिस्सा है और इसका उद्देश्य उच्चतम स्तर पर सरकारी समन्वय को सरल बनाना है। 78 साल पुराने South Block से प्रधानमंत्री कार्यालय का स्थानांतरण इस नई, अत्याधुनिक इमारत में किया जाएगा। PMO Seva Teerth-1 में काम शुरू करेगा, जो Executive Enclave-I का पहला भवन है और Vayu Bhawan के पास स्थित है।
Central Vista Revamp का हिस्सा
नई इमारत, जो अपने अंतिम चरण में है, पहले Executive Enclave के नाम से जानी जाती थी। इसमें PMO के अलावा Cabinet Secretariat, National Security Council Secretariat और India House भी शामिल होंगे, जो विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ उच्चस्तरीय वार्ता के लिए इस्तेमाल होगा। अधिकारियों के अनुसार, ‘Seva Teerth’ एक ऐसा कार्यस्थल होगा जो सेवा की भावना और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को आकार देने का प्रतीक होगा।
‘Satta’ से ‘Seva’ की ओर बदलाव
सरकार का दृष्टिकोण अब ‘सत्ता’ (power) से ‘सेवा’ (service) की ओर बदल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह बदलाव केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक भी है। राज्यों के राजभवनों को अब ‘Lok Bhawans’ के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकारी स्थानों को kartavya (duty) और transparency के सिद्धांतों के अनुरूप बदला गया है। अधिकारियों का कहना है,
“हर नाम, हर भवन और हर प्रतीक अब एक सरल संदेश देता है – सरकार सेवा के लिए है।”
प्रमुख संस्थाओं के नामों में बदलाव
हाल ही में सरकार ने Rajpath को Kartavya Path के नाम से पुनर्नामित किया। प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास का नाम 2016 में Lok Kalyan Marg रखा गया था, जो कल्याण और जनता-प्रधान कार्य का प्रतीक है। देश भर के राजभवन अब ‘Lok Bhawans’ कहलाएंगे। Central Secretariat को भी Kartavya Bhavan नाम दिया गया, जो सार्वजनिक सेवा की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
अधिकारियों का कहना है कि ये बदलाव एक गहरी विचारधारा की पहचान हैं। भारतीय लोकतंत्र ने सत्ता पर जिम्मेदारी और पद पर सेवा को प्राथमिकता दी है। नामों में बदलाव, मानसिकता में बदलाव भी है। आज ये नाम सेवा, कर्तव्य और नागरिक-प्रधान शासन की भाषा बोलते हैं।
