महिलाएं इसके लिए घर बैठकर आनलाइन बुकिंग करवाकर पर्यटन के जरिए रोजगार पा सकती हैं. कुल्लू जिला के ऊझी, पार्वती वैली सहित अन्य इलाकों में महिलाएं ही होम स्टे के जरिए अच्छी आय अर्जित कर भी रही हैं. जिले में गोरक्षा और गोसदनों के निर्माण पर भी काम होगा. यह शब्द कुल्लू की जिला परिषद अध्यक्ष रोहिणी चौधरी ने कही. 21 अप्रैल 1982 को कुल्लू के पुखरी गांव में गीता देवी और धनी राम के घर जन्मी रोहिणी ग्रामीण परिवेश में ही पली बढ़ी.
रोहिणी 2016 को जिला परिषद अध्यक्ष बनी
रोहिणी की शादी 2004 में हरिराम चौधरी से हुई. सात जनवरी 2016 को रोहिणी चौधरी जिला परिषद चुनाव जीती और 27 जनवरी को कुल्लू की जिला परिषद अध्यक्ष बनी. रोहिणी हालांकि भाजपा समर्थित उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीती थी. लेकिन अध्यक्ष पद पर काबिज होते समय रोहिणी के पक्ष में कांग्रेस और अन्यों ने मतदान कर उन्हें अध्यक्ष बनाया. भाजपा से भी एक उम्मीदवार ने क्रास वोटिंग के जरिए उनके पक्ष में ही मतदान किया था. इस जीत के बाद रोहिणी ने नई सोच और नई योजनाओं के साथ अपना कार्य शुरू करते हुए कई मिसाल पेश की.
ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभाएं हैं
रोहिणी कहती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभाएं हैं लेकिन उन्हें एक सही दिशा की जरूरत है. रोजगार के लिए युवा भटके नहीं बल्कि उनके लिए इस बिंदु पर कई अवसर खुले हों. डटकर मुकाबला करने वाली रोहिणी आज हजारों महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनकर उभरी है. रोहिणी कहती हैं कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को मोहरा बनाना चाहते हैं. ऐसे लोगों को सबक सिखाने के मौके को गवाना नहीं चाहिए.
वनों को बचाने के लिए चलाई मुहीम
रोहिणी ने कहा कि वनों को जलता देख बहुत दुःख होता है. वनों को बचाने के लिए मुहिम चला रखी है. बड़े स्तर पर पौधारोपण किए जाने की योजना है. चनौन में 18 लाख रुपये से गोसदन बनाया जा रहा है. जगहों पर भी गोसदन बनाए जाएंगे. रोहिणी ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों से हारना नहीं चाहिए बल्कि उनका डटकर सामना करना चाहिए. जिला परिषद के कार्यक्षेत्र से कई चीजों को बाहर किया गया है और शक्तियां छीनी गई हैं. इस पर सरकार से बात होगी और विकास की गति को और तेजी प्रदान की जाएगी.