नई दिल्ली. तीन तलाक बिल कल लोकसभा में पेश किया जायेगा. भारतीय जनता पार्टी ने इसको लेकर अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है. सभी सांंसदों को 28 और 29 दिसंबर को संसद में रहने को कहा गया है. आगे की रणनीति बनाने के लिये गुरुवार की सुबह संसदीय दल की बैठक भी होनी है.
तीन तलाक बिल का पूरा नाम ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ है. इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद तीन तलाक गैरकानूनी हो जायेगा. इसमें केवल इंस्टैंट तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत को ही गैरकानूनी माना गया है. इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक अवैध होगा. जुर्म साबित होने के बाद तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. प्रस्तावित अधिनियम पास होने के बाद तीन तलाक देना गैर-जमानती अपराध होगा.
बिल की रूपरेखा तय करने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रियों की समूहों वाली एक समिति का भी गठन किया था. इनमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे.
‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ ने सरकार के इस फैसले को महिलाओं की आजादी में दखलअंदाजी करार दिया है. बोर्ड की बैठक में तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट कहा गया है.
गौरतलब हो कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी के मुद्दे पर विपक्ष माफी के लिये अड़ा हुआ है. जिसकी वजह से शीतकालीन सत्र में अबतक कोई महत्वपूर्व बहस नहीं हो पायी है. ऐसे में सरकार के लिये लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बहस करवा पाना मुश्किल हो सकता है.