धर्मशाला. निर्वासित तिब्बतियों के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगेय ने आज महात्मा गांधी की जयंती पर अहिंसा के प्रति केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) की प्रतिबद्धता जतायी. सांगेय ने संवाददाताओं से कहा गाँधी जी द्वारा अहिंसा से भारत को आज़ादी दिलाने में सफलता हासिल की. तिब्बती लोग भी अहिंसा को ही मानते हैं और गाँधी जी के उपदेश जैसे पर्यावरण संरक्षण,स्वच्छता, स्वास्थ्य और खासकर शिक्षा को हम लोग भी बहुत मानते हैं. गांधी जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिये अहिंसा का संदेश दिया था. वह उस समय भी प्रासंगिक था और इस समय और ज्यादा प्रासंगिक है क्योंकि आज इस संसार में अतिवाद, आतंकवाद, राष्ट्रवाद और हिंसा है.
आज इतना ज्यादा संघर्ष हो रहा है कि इन सबका समाधान करने के लिए गाँधी जी के अहिंसा के सन्देश की बहुत जरूरत है. लोबसांग सांगेय ने आगे कहा कि हम गाँधी जयंती के उपलक्ष्य पर उनके द्वारा बताये गये परामर्शों को दिल में रख कर अमल में लाने की कोशिश करते रहे. वह यह सोचते हैं जैसे भारत को स्वतंत्रता अहिंसा से सफलता मिली वैसे तिब्बत की आजादी में भी सफलता मिले. उन्होने कहाकि “गांधी जयंती एक पवित्र दिवस है. वह सफल भरतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के जनक हैं. नैतिकता और आचरण पर उनके विचार अब भी मानव जाति की अंतरात्मा में प्रतिध्वनित होते हैं. इसलिए हम तिब्बती लोग इस समारोह में भाग लेते हैं.”
इस अवसर पर सीटीए सचिवालय में एक संक्षिप्त समारोह का आयोजन किया गया, जहां सांगेय ने भरतीय ध्वज फहराया. और महात्मा गाँधी की फोटो के आगे दीप जला कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.