धर्मशाला. हिमाचल प्रदेश की 13वीं कैबिनेट में सरवीन चौधरी अकेली महिला हैं जिन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कराई गई है. हिमाचल की राजनीति में पहले से महिलाओं की धमक रही है. आशा कुमारी पहले मंत्री रह चुकी हैं तो विद्या स्टोक्स राष्ट्रीय राजनीति में जाना-माना नाम रही हैं. इसी परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं सरवीन चौधरी. जानते हैं इनके बारे में कुछ खास बातें.
संगीत से स्नातकोत्तर के बाद आईं राजनीति में
चार बार विधायक रह चुकीं सरवीन ने 2017 के चुनाव में जीत की हैटट्रिक लगाई है. उन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा चंडीगढ़ से पूरी की. संगीत में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के बाद वह राजनीति में आईं. 1993 में पहला चुनाव लड़ा मगर हार गईं. 1998 में उनकी पहली जीत हुई और संसदीय सचिव का कार्यभार सौंपा गया. 2003 में हुए चुनावों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. मगर इसके बाद 2007, 2012 और 2017 के चुनाव में इन्होंने जीत हासिल की. 2007 में वह मंत्री बनीं अब 10 साल बाद उन्होंने दोबारा मंत्रीपद की शपथ ग्रहण की है.
आरएसएस परिवार से ताल्लुक, पति रिटायर्ड ब्रिगेडियर
सरवीन के परिवार के लोग आरएसएस के समर्थक रहे हैं. पति पवन कुमार आर्मी में थे और ब्रिगेडियर पद से रिटायर हुए. परिवार के एक बेटा भी है. आंकड़ों की मानें तो सरवीन की जीत का अंतर इन चुनावों में घटा है. इस बार उन्होंने शाहपुर में लगभग 38 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज की है.