चंब. जनजातीय क्षेत्र भरमौर के कुगती में स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर के द्वारा वीरवर की सुबह पूजा-अर्चना और दर्शन के बाद बंद कर दिए गए. यह मंदिर जनजातीय क्षेत्र भरमौर के पूर्वी छोर पर बसी ग्राम पंचायत कुगती में कार्तिक देवता का प्राचीन मन्दिर स्थित है. जिसके दर्शनों के लिए देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु एवं पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं.
अवधि प्राचीन काल से चली आ रही है
इस मंदिर के खुलने व बंद होने की अवधि प्राचीन काल से चली आ रही है. हर वर्ष 30 नवंबर को कार्तिक स्वामी मंदिर के द्वार 13 अप्रैल तक बंद कर दिए जाते हैं. जिसके कारण साढ़े चार माह तक मंदिर में पूजा अर्चना व दर्शन नहीं किए जाते. इस पर पुजारियों व स्थानीय लोगों का तर्क है कि 13 अप्रैल तक इस देव भूमि पर वर्फ की चादर ओढ़ कर सुप्त अवस्था में चली जाती है व देवता स्वर्ग लोक को प्रस्थान कर जाते हैं.
कपाट बंद करने की रस्म पर सभी लोगों ने किए दर्शन
अप्रैल माह में मंदिर के द्वार खोले जाते हैं, उस वक्त कलश में उपस्थित जल की मात्रा से वर्ष भर मौसम की परिस्थिति का अनुमान लगाया जाता है, कलश में जितना अधिक जल होगा वर्षा भी उतनी ही अधिक होगी. पात्र सूखा होने पर सूखे की स्थिति मानी जाती है. इस अवसर वीरवार को मंदिर के कपाट बंद करने की रस्म पर पूरे जनजातीय क्षेत्र के लोग मंदिर परिसर में वर्ष की आखिरी पूजा-अर्चना में पहुंचकर कार्तिक स्वामी का आर्शिवाद प्राप्त किया. मंदिर के पुजारी जोधाराम ने जानकारी देते हुए सभी भक्तजनों से अनुरोध किया कि इसके बार कोई भी यात्री मंदिर परिसर में न जाए.